एसपी पीएन मीणा समेत देश के विभिन्न राज्यों के 40 सदस्यीय दल ने लेह लद्दाख के हॉट स्प्रिंग में शहीद हुए जवानों को सलामी दी। 11 दिवसीय इस यात्रा में शामिल होकर सभी सदस्य अपने राज्यों को लौट गए हैं।
इस यात्रा में शामिल होने के बाद रुद्रप्रयाग लौटे एसपी मीणा ने बताया कि यह यात्रा काफी चुनौतीपूर्ण रही। तीन सितंबर को यहां पर शहीद दस जवानों को सलामी दी गई। रास्ता काफी दुर्गम होने के बावजूद टीम के सदस्यों ने इस चुनौती को सफलता से सामना किया। एसपी ने बताया कि इस टीम में देश के सभी राज्यों से एक पुलिस अधिकारी शामिल हुआ, जो एसपी से लेकर डीआइजी रेंक का था। उत्तराखंड का नेतृत्व मीणा ने किया।
मीणा ने बताया आजादी के बाद चीन सीमा पर सीआरपीएफ बटालियन की टुकड़ी भारत-चीन सीमा की रक्षा करती थी। 21 अक्टूबर 1959 को उच्च हिमालय क्षेत्र लद्दाख (हॉट स्प्रिंग) भारत-चीन सीमा पर सीआरपीएफ की एक टुकड़ी के 10 जवानों ने चीनी सेना को भारतीय सीमा में आने से रोकते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। हॉट स्प्रिंग लेह से करीब 200 किलोमीटर आगे भारत-चीन सीमा पर स्थित है, जो 16 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां पर जाने के लिए 18 हजार से लेकर बीस हजार फीट की ऊंचाई वाले दर्रों से होकर गुजरना पड़ता है। यहां पर तापमान शून्य से माइनस 25 डिग्री तक रहता है। एसपी ने बताया कि पूरी टीम अपने तय समय पर इस स्थान पर पहुंची तथा शहीद जवानों को सलामी दी।
21 अक्टूबर को पुलिस शहीद दिवस हर वर्ष 21 अक्टूबर 1959 के दिन इन्हीं सीआरपीएफ जवानों के बलिदान को पुलिस शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। लद्दाख के इस अत्यंत दुर्गम शहीद स्थल पर प्रतिवर्ष देश के सभी राज्यों और केंद्रीय पुलिस बलों से चुने हुए सबसे फिट अधिकारी/कर्मचारी अपने पुलिस बल की ओर से शहीदों को श्रद्धांजलि देने जाते हैं।