भारत और अफगानिस्तान के बीच एशिया कप के सुपर-4 का बेहद रोमांचक मुकाबला टाई रहा. अफगानिस्तान के 253 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने 50वें ओवर की पांचवीं गेंद पर रवींद्र जडेजा (25) के रूप में अपना अंतिम विकेट गंवाया और पूरी टीम 252 रनों पर आउट हो गई.
और इसके साथ ही जडेजा एक बार फिर ‘विलेन’ साबित हुए. चार साल पहले भी उनकी वजह से टीम इंडिया का मैच टाई हो गया था. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि जडेजा की पारी की वजह से भारत अफगानिस्तान के स्कोर की बराबरी कर पाया.
राशिद खान के अंतिम ओवर में भारत को जीत के लिए सात रन चाहिए थे. जडेजा ने राशिद की दूसरी गेंद पर चौके के साथ भारत को जीत के करीब पहुंचाया. जडेजा ने अगली गेंद पर एक रन लिया. इसके बाद खलील अहमद भी एक रन के लिए दौड़े. जिससे भारत को जीत के लिए अंतिम दो गेंदों पर एक रन बनाना था. जडेजा ने हालांकि पांचवीं गेंद को हवा में खेलकर नजीबुल्लाह जादरान को कैच थमा दिया और मैच टाई हो गया.
यह पहला मौका नहीं, जब जडेजा ने मैच टाई करवाया. इससे पहले जनवरी 2014 में न्यूजीलैंड के खिलाफ भी ऐसा ही हुआ था. तब कीवियों के खिलाफ जीतने के लिए भारत को आखिरी गेंद पर दो रनों की जरूरत थी. लेकिन कोरी एंडरसन की उस गेंद पर जडेजा एक रन ही ले पाए और मैच टाई हो गया था. तब जडेजा 45 गेंदों में 66 रन बनाकर नॉट आउट लौटे थे. उन्होंने मैच में दो विकेट भी झटके थे. दिलचस्प यह है कि वह मैन ऑफ द मैच रहे. उस मैच में न्यूजीलैंड ने 314 रन बनाए थे. जवाब में टीम इंडिया ने 314/9 रन बनाए.
रवींद्र जडेजा ने 14 महीने बाद वनडे में वापसी की है. उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ मौजूदा एशिया कप में 10 ओवरों में 29 रन देकर चार विकेट चटकाए थे. उस मैच में वह ऑफ द मैच रहे. अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में उन्होंने तीन विकेट जरूर झटके, लेकिन जब बल्लेबाजी से मैच जिताने की बारी आई, तो वे आउट हो गए और मैच टाई हो गया.