नई दिल्ली (शाश्वत तिवारी)। मोदी सरकार के आठ साल पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय विदेश नीति अधिक वैचारिक होने के साथ ही व्यवहारिक भी है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वैश्विक संकट हो या आर्थिक संकट भारत ने अपने पड़ोसियों को हर संभव मदद उपलब्ध करवाई है और हम आगे भी इसके लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक अपेक्षाओं के अनुरूप भारत पूरी तरह सक्षम और संवेदनशील है।
हमारे कदम विकास के लिये कूटनीति के महत्व को प्रदर्शित करते हैं- जयशंकर।
विदेश मंत्री ने कहा कि हमने जटिल से जटिल समस्याओं को मोदी सरकार की सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास की नीति से सुलझाया है। हम ‘सबका प्रयास’ की नीति पर यकीन रखते हैं। कार्यक्रम में विदेश मंत्री ने कहा कि हमने अपने विस्तारित पड़ोस को लेकर जागरूकता का प्रदर्शन किया है और यह हमारे एक्ट ईस्ट नीति, समग्र दृष्टिकोण, खाड़ी देशों के साथ सम्पर्क और पश्चिम एशिया पहल से प्रदर्शित होता है।
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के इस युग में दुनिया के साथ एक विस्तारित जुड़ाव हमें वैश्विक कार्यस्थल के रूप में इसकी कल्पना करने के लिए प्रोत्साहित करता है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि एक ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के लिए प्रतिभा और कौशल के सुचारू प्रवाह की ज़रुरत है। इसलिए, हमने गतिशीलता और प्रवासन समझौतों को प्राथमिकता दी है।
छात्रों के मसले पर बात करते हुए विदेश मंत्री ने कहा विदेशों में पढ़ने वाले लाखों भारतीय छात्र भी भारत की विदेशी चर्चा का एक महत्वपूर्ण पहलू हैं। उनकी आवश्यकताओं का प्रभावी ढंग से जवाब देना हमारी साझा जिम्मेदारी है। नई शिक्षा नीति अब इस डोमेन को अधिक रचनात्मक रूप से संबोधित करने और भारत में अधिक विदेशी छात्रों का स्वागत करने में हमारी सहायता करने के अवसर प्रदान कर रही है।
प्रवासी भारतीयों के विषय पर बात कतरते हुए उन्होंने कहा कि इस ग्लोबल दुनिया में बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक और भारतीय मूल के व्यक्ति अन्य देशों में रहते हैं। वे भारत और दुनिया के बीच एक- एक अनूठे पुल की तरह कार्य कर रहे हैं, हमें उन्हें उसी के अनुसार महत्व देना चाहिए। विदेशी राजनयिकों का आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि महामारी के समय में आपकी सरकारों के समर्थन की विशेष रूप से सराहना करते हैं। अगर वंदे भारत मिशन इतना सफल रहा तो इसका कुछ श्रेय आप सभी को भी जाता है। यह हमारी परंपरा रही है कि अगर हम कोई भी राहत या बचाव अभियान शुरू करते हैं तो उस दौरान अन्य देशों के नागरिकों की सुरक्षा भी हम सुनिश्चित करते हैं।
विदेश मंत्री ने कहा कि भारतीय कूटनीति अहम आर्थिक मुद्दों एवं ऊर्जा स्रोतों पर प्रभावी क्षेत्रीय ताकतों एवं महत्वपूर्ण शक्तियों पर केंद्रित रही है। उन्होंने कहा कि हमारे कई कदम विकास के लिये कूटनीति के महत्व को प्रदर्शित करते हैं जहां विदेशी प्रौद्योगिकी, पूंजी, श्रेष्ठ चलन और गठजोड़ प्रत्यक्ष तौर पर हमारी राष्ट्रीय वृद्धि को गति प्रदान करने से जुड़े हैं। ये हमारे महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों एवं पहल के जरिये संभव हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत इतिहास की झिझक से बाहर निकल चुका है, अब वह अपने विकल्पों को किसी को वीटो नहीं करने देगा।