लखनऊ। लखनऊ में अमीनाबाद, ठाकुरगंज, डालीगंज, निशातगंज जैसे प्रमुख क्षेत्रों में मान्यता प्राप्त (लाइसेंसी) शराब की दुकानें सुबह खुलते ही शराब पीने वालों का आवागमन शुरु हो जाता है। इसमें स्कूलों के आसपास खुली शराब की दुकानें सामाजिक माहौल को खराब करती हैं और शराबियों की तादात लोगों के सिरदर्द बन जाती है।
हाईकोर्ट के रोक के बावजूद स्कूलों के आसपास शराब की दुकानें संचालित हो रही हैं। स्कूल आने वाले छात्र—छात्राओं और उनके अभिभावकों को इससे परेशानी उठानी पड़ती है। स्कूलों के निकट शराब खरीद कर निकले जाने वाले शराबी लोग तो कम, वहीं सड़क किनारे खड़े होकर पीने वाले शराबियों का स्कूली बच्चों पर खासा असर पड़ता है।
अमीनाबाद के निकट शराब की दुकान के बाहर का नजारा देखते नहीं बनता है। शराब खरीदने वाले तो उनका साथ देने वाले सड़क का माहौल बिगाड़े रहते हैं। ठाकुरगंज क्षेत्र में शराब की दुकान से कुछ दूरी पर स्कूल हैं, गली से आने जाने वाले लोगों की नजर शराब पीते लोगों पर पड़ती है तो वे उन्हें कुछ कहे बिना निकल जाते हैं लेकिन शराबी टीकाटिप्पणी किये बिना रह नहीं पाते हैं।
डालीगंज पुल से आईटी जाने वाली रोड पर शराब की दुकानों के आसपास स्कूल और शनिदेव का मंदिर है। शनिदेव मंदिर तो शराब की दुकान के बिल्कुल बगल में ही है। शराब पीने वाले लोगों को कई बार मंदिर के पुजारी ने वहां खड़े होकर शराब पीने से मना भी किया है। जिस पर दोनों पक्ष में अक्सर बहसबाजी भी होती दिखती है।
बता दें कि हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि स्कूल या किसी धार्मिक स्थल के आसपास कोई शराब की दुकान नहीं खुलेगी। पहले से लाइसेंस लेकर दुकान खोल चुके दुकानदारों को इस आदेश से कठनाई भी हुई है। वहीं जिला प्रशासन की बैठकों में स्कूल प्रबंधन के लोगों ने इस विषय को कई बार रखा है।