हाल ही में ‘बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन’ द्वारा कराए गए एक समारोह में बिल गेट्स ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से हुए अपनी मुलाकात के बारे में बताया. बिल गेट्स ने मज़ाकिया अंदाज़ में कहा कि उनकी मुलाकात दो बार ट्रंप से हुई और दोनों बार राष्ट्रपति ट्रंप को ये समझाना पड़ा कि एचआईवी और एचपीवी के बीच अंतर होता है. एचआईवी से एड्स होता है और एचपीवी से ‘सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिज़ीज़’ फैलती है जिससे सरवाइकल कैंसर और गुप्तांगों में मस्से व दाग वगैरह हो जाते हैं.
गेट्स ने कहा कि मैने राष्ट्रपति से एचआईवी वैक्सीन बनाने के लिए रिसर्च में तेज़ी लाने को कहा तब मुझे उनको ये अंतर समझाना पड़ा. बता दें कि ‘बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन’ विकासशील देशों में एचआईवी को फैलने से रोकने के लिए काम करता है. बिल गेट्स ने आगे कहा कि दोनों बार की मीटिंग में ट्रंप ने मुझसे पूछा कि क्या वैक्सीन खराब चीज़ नहीं है क्योंकि वो एक कमीशन बनाने की सोच रहे थे जो कि वैक्सीन के खराब प्रभावों पर विचार करने वाली थी. शायद इसके बारे में राय उन्हें रॉबर्ट केनेडी ने दी थी.
अमेरिका में सबसे ज्यादा कॉमन सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिज़ीज एचपीवी है. बता दें कि एचपीवी की वैक्सीन पहले से ही मौजूद है. लेकिन, तमाम कोशिशों और गहरी रिसर्च के बावजूद अब तक एचआईवी की कोई वैक्सीन नहीं बन पाई है. 2016 में एचआईवी की वजह से करीब दस लाख लोगों की मौत हुई थी.गेट्स ने बताया कि उनकी मुलाकात पहली बार ट्रंप से यूं ही एक समारोह में हो गई थी उस समय वो राष्ट्रपति नहीं बने थे. उस समय वो ट्रंप से काफी प्रभावित हुए थे.