नई दिल्ली (शाश्वत तिवारी)। भारत की स्वतंत्रता के लिए अंग्रजों से लोहा लेने वाली मलेशिया की अंजलाई पोन्नुसामी का गुरुवार को 102 वर्ष की आयु में निधन हो गया। अंजलाई नेता जी सुभाष चंद्र बोष की ‘आजादी हिंद फौज’ (आईएनए) की सिपाही थी। भारत की स्वतंत्रता के लिए किए गए उनके कार्यों की चर्चा भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी होती रही है। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर शोक व्यक्त किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में अंजलाई के साहस और प्रेरक भूमिका को हम हमेशा याद रखेंगे।
अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा मलेशिया की प्रतिष्ठित आईएनए वयोवृद्ध अंजलाई पोन्नुसामी जी के निधन से व्यथित हूं। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में उनके साहस और प्रेरक भूमिका को हम हमेशा याद रखेंगे। उसके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदना।
इस बारे में नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंडियन कल्चरल सेंटर की निदेशक राम्या हिरियानैया कहा अंजलाई ने कल शाम 5.59 बजे अंतिम सांस ली उस समय उनकी बेटी भानुमति उनके साथ में थी। उन्होंने बताया कि ब्रिटिश उपनिवेश से भारत को लोगों को स्वतंत्र कराने के लिए अंजलाई 21 साल की उम्र में आजाद हिंद फौज की महिला रेजीमेंट ‘झांसी की रानी’ का हिस्सा बन गई थी।
राम्या ने बताया कि जापान की हार के बाद जब द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हो गया तो आजाद हिंद फौज भी भंग हो गई, जिसके बाद अंजलाई अपने जीवन यापन के लिए वापस मलेशिया लौट आई थी। उन्होंने कहा कि अंजलाई खुद को सौभाग्यशाली मानती थी कि उन्हें अपने इसी जीवनकाल में मलेशिया और भारत को अंग्रेजों से स्वतंत्रता प्राप्त करते हुए देखा।
रम्या ने कहा अंजलाई पोन्नुसामी नारी शक्ति, या स्त्री शक्ति का प्रतीक थीं। वह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा होंगी, जिन्होंने देश को पहले स्थान पर रखा। वह देशभक्ति की पहचान हैं।