- एमसीएलआर में बढ़ोतरी से बैंक का सभी तरह का कर्ज होगा महंगा
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने ग्राहकों को झटका दिया है। पीएनबी ने बुधवार को सभी अवधि वाले मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) में 0.15 फीसदी तक का इजाफा किया है। बैंक के मानक उधारी दर में इस बढ़ोतरी का असर सभी तरह के लोन पर पड़ेगा और कर्ज लेने वालों पर ईएमआई का बोझ बढ़ जाएगा।
पंजाब नेशनल बैंक ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि कोष-आधारित उधारी दर में की गई ये बढ़ोतरी एक जून, 2022 से ही प्रभावी हो गई है। पीएनबी ने कहा कि लोन पर वसूले जाने वाले ब्याज दर में बढ़ोतरी का यह फैसला रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के रेपो दर में वृद्धि के बाद उठाया गया है। गौरतलब है कि आरबीआई ने मई की शुरुआत में रेपो दर को 0.40 फीसदी बढ़ाकर 4.40 फीसदी कर दिया था।
पंजाब नेशनल बैंक की वेबसाइट के मुताबिक एक साल का एमसीएलआर 7.25 फीसदी से बढ़कर 7.40 फीसदी हो गया है। दरअसल बैंक के अधिकांश कर्ज एमसीएलआर पर ही आधारित होते हैं, उस लिहाज से कर्ज की किस्तें भी अब बढ़ जाएंगी। इसी तरह एक दिन, एक महीना और तीन महीना वाला एमसीएलआर 0.15 फीसदी बढ़कर क्रमशः 6.75 फीसदी, 6.80 फीसदी और 6.90 फीसदी हो गया है। छह महीने का एमसीएलआर बढ़कर 7.10 फीसदी हो गया है, जबकि तीन वर्षीय एमसीएलआर भी 0.15 फीसदी बढ़कर 7.70 फीसदी हो गया है।
उल्लेखनीय है कि एमसीएलआर को रिजर्व बैंक ने वर्ष 2016 में शुरू किया था। भारत में नोटबंदी के बाद इसको लागू कर दिया गया था। आरबीआई ने बैंकों से लोन रेट निर्धारित करने के लिए इस रेट की शुरूआत की थी। इस रेट के तय हो जाने पर कोई भी बैंक इससे कम रेट पर ग्राहकों को लोन नहीं दे सकता है। आमतौर पर इसके बढ़ने पर लोन महंगा हो जाता है।