उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में गन्ना किसानों के बकाए के भुगतान के लिए चीनी मिलों को चार हजार करोड़ रुपये का ‘सॉफ्ट लोन’ देने का फैसला लिया गया. सरकार ने इस ऋण के साथ शर्त रखी है की चीनी मिलों को सारा पैसा सीधे किसानों के खातों में भेजना होगा. कैबिनेट की बैठक के बाद लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में सरकार बनाने के बाद से ही हम लगातार किसानों के हित में फैसले ले रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले सरकार ने किसानों के लिए कर्ज माफी का बड़ा फैसला लिया था. उस समय भी लाखों किसानों को फायदा हुआ था. इसके बाद सरकार ने गेहूं और धान की खरीद में कीर्तिमान स्थापित किया है.
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चीनी मिलों को 30 नवंबर तक हर हाल में गन्ना किसानों के बकाए के भुगतान के लिए कहा गया है. इसके लिए सरकार उनकी परेशानियों को ध्यान में रखते हुए उनकी मदद करेगी. ऐसी चीनी मिल जिन्होंने कम से कम 30 फीसदी तक गन्ने के बकाए का भुगतान किया है, उन्हें सॉफ्ट लोन देने की व्यवस्था की गई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ऋण चीनी मिलों को पांच साल के लिए दिया जाएगा, जिस पर पांच फीसदी का ब्याज लिया जाएगा. ऋण के लिए चीनी मिलों के सामने शर्त रखी गई है कि उन्हें यह ऋण तभी मिलेगा, जब वे किसानों के बकाए का भुगतान सीधे किसानों के खाते में भेजने के लिए राजी होंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक 63 चीनी मिले ऐसी हैं, जिन्होंने 80 फीसदी से अधिक बकाए का भुगतान कर दिया है. 42 चीनी मिलें ऐसी हैं जिन्होंने 50 प्रतिशत से अधिक बकाए का भुगतान किया है. उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी का दाम काफी कम है. उस कमी को पूरा करने के लिए सरकार चीनी मिलों को साढ़े चार रुपये प्रति कुंतल की वित्तीय मदद मुहैया कराएगी. सरकार के इस फैसले से लगभग 500 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा. यह पैसा भी चीनी मिलों को सीधे किसानों के खातों में भेजना होगा.
कैबिनेट बैठक में हुए अन्य फैसलों की जानकारी देते हुए प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्घार्थ नाथ सिंह ने बताया कि प्रतापगढ़ में करैती-सिराथू मार्ग पर 248 करोड़ रुपए की लागत से एक पुल का निर्माण किया जाएगा. इसकी धनराशि के अनुमोदन को लेकर प्रस्ताव आया था जिसे कैबिनेट ने स्वीकार कर लिया. इसके अलावा सीतापुर में सधौली-मिश्रिख-विश्वा मार्ग पर नैमिषारण्या तक दो लेन के मार्ग के लिए 72 करोड़ रुपए के अनुमोदन के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है. इसकी लंबाई 42 किलोमीटर होगी और इसे दो वर्ष के भीतर बनाया जाएगा.