देश के शीर्ष शिक्षण संस्थाओं में शुमार बीएचयू दूसरे दिन सोमवार को भी रणक्षेत्र बन गया। रात नौ बजे सर्जरी वार्ड में जूनियर रेजिडेंट व महिला मरीज के बीच नोक-झोंक से शुरू बवाल देर रात में हिंसक हो गया। मामला थाने पहुंचा और वहां भी मारपीट हो गई। प्रभारी निरीक्षक के साथ गालीगलौज और धक्कामुक्की की गई। बवाल फिर बीएचयू परिसर में फैल गया। सुबह विवि प्रशासन की ओर से एलबीएस, रुइया एनेक्सी और धन्वंतरि हॉस्टल खाली कराने के आदेश जारी कर दिए गए। इसके लिए छात्रों को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है।
सुलग रहा है अभी भी बीएचयू
हॉस्टल पर हमला, तोडफ़ोड़ और आगजनी की घटना से परिसर में दहशत का आलम रहा। पथराव और मारपीट में कई छात्र घायल भी हुए हैं। बीएचयू प्रशासन मूक दर्शक बना रहा। आरोप यह भी है कि चीफ प्रॉक्टर रॉयना सिंह ने खुद को कमरे में बंद कर लिया था। पिटते रेजिडेंट्स ने मदद की गुहार लगानी चाही। लेकिन उनका फोन नहीं उठा। आरोप यह भी है कि दो छात्राें को रात भर हास्टल में बंधक बनाया गया जिनको सुबह पुलिस ने छुड़ाया। हालांकि दोपहर तक बवाल की आशंका बनी रही मगर छात्रावास खाली कराने के आदेश के बाद छात्रों में बैठक का दौर शुरू हो गया है।
बीएचयू अस्पताल में इलाज के लिए पहुंची चंदौली निवासी महिला का आरोप था कि डॉक्टर की शह पर रेजिडेंट ने उनके साथ न सिर्फ अभद्रता की बल्कि, उसके भतीजे को भी जमकर पीटा। बचाव करने पहुंचे कुछ छात्रों को भी पीटा गया। इस बीच धनवंतरि छात्रावास के बाहर दो बाइक से आए चार अज्ञात लोगों ने एक जूनियर रेजिडेंट विश्वजीत पटेल को मारपीट कर घायल कर दिया, जिसे इलाज के लिए ट्रामा सेंटर ले जाया गया। महिला के साथ विवि के छात्र लंका थाने तहरीर देने पहुंचे। साथ ही रेजिडेंट भी मुकदमा कायम कराने पहुंचे। पास के रेस्तरां में रेजिडेंट के बैठकर खाना खाने की जानकारी मिलने पर छात्रों ने वहां जाकर मारपीट कर दी। सूचना पर दर्जनों बाइक सवार रेजिडेंट लंका के पास पहुंचे और छात्रों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटने लगे। छात्रों के जान बचाकर थाने के अंदर भागने के बाद भी उन्हें बख्शा नहीं गया। थाने में घुसकर उन्हें मारने की कोशिश पर क्षेत्राधिकारी भेलूपुर व एसीएम-प्रथम ने रोका। पुलिस का रुख देख रेजिडेंट पीछे हटे। इसके बाद बीएचयू सिंह द्वार बंद कर रेजिडेंट धरने पर बैठ गए। कुछ ही देर बाद एक बार फिर माहौल बिगडऩे लगा और बिड़ला छात्रावास पर बवाल हो गया। एलडी गेस्ट हाउस चैराहे पर पुलिस पिकेट फूंक दी गई। एसबीआइ के एटीएम में तोडफ़ोड़ की गई और जमकर ईंट-पत्थर चले, जिसमें आठ से ज्यादा छात्र घायल हो गए।
उत्पाती छात्र रुइया छात्रावास में घुस गए और मेडिकल के छात्रों को बुरी तरह पीटने लगे। छात्रावास में बाइक फूंक दी। मेडिकल छात्रों की चीख-पुकार सुनकर रुइया के पीछे मौजूद न्यू गल्र्स हास्टल की छात्राएं दहशत में आ गईं। बवालियों ने वहां भी पथराव किया, जिससे छात्राएं रोने लगी। चीफ प्राक्टर से लेकर बीएचयू के अन्य अधिकारियों को फोन किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इस दौरान रात भर अफरातफरी बनी रही।
पुलिस प्रशासन की संवेदनहीनता के चलते छात्रों की जान पर बन आई। उत्पाती छात्रों के बवाल के चलते भयभीत छात्र-छात्राएं लगातार पुलिस को 100 नंबर पर डायल करके सुरक्षा की गुहार लगा रहे थे। इतना ही नहीं छात्रों ने कई पुलिस अधिकारियों के सीयूजी नंबर पर भी संपर्क किया। लेकिन उन लोगों ने बीएचयू प्रशासन द्वारा परिसर में दाखिल होने की अनुमति नहीं मिलने का हवाला देते हुए हाथ खड़े कर दिए। दरअसल, मामला अनुमति का नहीं था, बल्कि लंका थाने में मेडिकल के छात्रों द्वारा थाना प्रमुख से लेकर अन्य पुलिसकर्मियों के साथ की गई गालीगलौज व दुव्र्यवहार का था। छात्रों के दुर्व्यवहार से पुलिस परिसर में दाखिल नहीं हो रही थी। पुलिस का रुख देखकर दर्जनों छात्र छिपते – छिपाते किसी तरह परिसर से बाहर निकले। देर रात लगभग डेढ़ बजे फोर्स अंदर घुसी जब छात्रों ने परिसर में कई जगह तोडफ़ोड़, मारपीट करने के साथ ही आगजनी हो चुकी थी।
दर्जनभर से अधिक रेजिडेंट डॉक्टरों को पीटकर जख्मी करने के खिलाफ कई जूनियर डॉक्टर सुबह से ही काम से विरत रहे। मंगलवार की सुबह घूम- घूमकर कुछ ओपीडी बंद कराने का प्रयास किया गया। इसके कारण सुबह मरीजों को थोड़ी देर के लिए परेशानी झेलनी पड़ी। हालांकि इस दौरान सीनियर डाक्टर मरीजों को देखते रहे, मगर मरीजों की भीड़ फिर भी काफी रही।
छात्राें का अरोप है कि मेडिकल के अधिकारी के इशारे पर सारे बवाल हो रहे हैं। आरोप यह भी है कि कुलपति और चीफ प्रॉक्टर को हटाने तक बवाल को हवा दी जा रही है। ताकि बवाली छात्रों की फिर से वापसी के रास्ते साफ हो सकें। यह वहीं छात्र हैं जिनपर रंगदारी, मारपीट, लूटपाट, आगजनी जैसे कई संगीन मामले दर्ज है। रात को वीसी आवास पर पथराव के दौरान डिबार बवाली छात्र यह भी चेतावनी दे रहे थे कि अगर उनकी वापसी नहीं हुई तो वे और आतंक मचाएंगे। घटनाओं के पीछे बीएचयू के ही कुछ शिक्षक, सेंट्रल ऑफिस के आसपास के अधिकारी और कथित छात्र नेताओं का भी हाथ बताया जा रहा है।
लंका पुलिस ने बताया कि रात में धन्वंतरि हॉस्टल में कुछ छात्र मेडिकल छात्रों को पीटने के लिए घुसे थे। इस दौरान बाकी तो भाग निकले लेकिन दो- तीन छात्रों को मेडिकोज ने पकड़ कर बंधक बना लिया। आरोप है कि रात भर उनसे मारपीट की गई और सूचना पर सुबह फोर्स ने भीतर घुस कर मेडिकोज को पीटा और छात्रों को मुक्त कराया। दैनिक जागरण को मौके से मिली तस्वीर में एक का चेहरा खून से लथपथ नजर आ रहा है। पुलिस हालांकि घटना की बाबत बंधक बनाए गए छात्रों से भी पूछताछ कर रही है।