बदरीनाथ धाम। श्री बदरी विशाल के उद्घोष के साथ श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर 15 हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट खुलने और अखंड ज्योति दर्शन के गवाह बने। कपाट खुलने के दौरान मंदिर को भव्य रूप से फूलों से सजाया गया था। गढ़वाल स्काउट के बैंडों की भक्तिमय संगीत से बदरीपुरी गुंजायमान हो गई।
प्रात: चार बजे से कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हुई। पहली महाभिषेक पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से हुई। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित पर्यटन -धर्मस्व संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने देश-विदेश के तीर्थ यात्रियों को शुभकामनाएं दीं। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय, पूर्व विधायक महेन्द्र भट्ट, सहित उपाध्यक्ष किशोर पंवार मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि कल 7 मई शाम को योग बदरी पांडुकेश्वर से रावल सहित आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी, श्री उद्धव, श्री कुबेर श्री बदरीनाथ धाम पहुंच गये थे। श्री कुबेर ने रात्रि को बामणी गांव में प्रवास किया और आज सुबह कुबेर श्री बदरीनाथ मंदिर परिसर पहुंचे।
कपाट खुलने पर रावल जी ने मंदिर गर्भगृह में प्रवेश कर भगवान बदरी विशाल का आवाह्न कर घृत कंबल को प्राप्त कर उसे प्रसाद स्वरूप वितरित किया। इस अवसर पर पंद्रह हजार से अधिक श्रद्धालुओं कपाट खुलने के गवाह बन अखंड ज्योति के दर्शन किये।
कपाट खुलने के अवसर पर ऋषिकेश के दानदाताओं ने श्री बदरीनाथ धाम को भव्य रूप से 20 क्विंटल फूलों से सजाया था। पूरे बदरीनाथ धाम में गढ़वाल स्काउट के बैंडों की स्वर लहरियां गुंजायमान होती रहीं।
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित पर्यटन-धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने सभी धामों के कपाट खुलने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, विधायक राजेंद्र भंडारी, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मंदिर समिति सदस्य क्रमश: आशुतोष डिमरी, सचिव पर्यटन एवं धर्मस्व संस्कृति हरिचंद सेमवाल, मंदिर समिति सदस्य भास्कर डिमरी एवं वीरेंद्र असवाल, डीजीपी अशोक कुमार, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, मुख्य कार्याधिकारी बी.डी.सिंह सहित सेना एवं ग्रीफ के अधिकारी भंडारी मेहता, थोक के हक-हकूकधारी मौजूद थे।
मंदिर समिति मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलते ही श्री बदरीनाथ मंदिर परिसर और निकटवर्ती मंदिर माता लक्ष्मी, श्री गणेश आदि गुरु शंकराचार्य आदि केदारेश्वर, मातामूर्ति मंदिर माणा और श्री भविष्य बदरी तपोवन के कपाट भी इस यात्रा वर्ष के लिए खुल गये हैं।