लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखे हमले किये हैं। उन्होंने कहा कि सपा मुखिया को बचकाने बयान बंद कर देना चाहिए। बसपा मुखिया ने कहा कि जो बीएसपी से गठबंधन के बावजूद लोकसभा में पांच सीटें ही जीत सका, वह बीएसपी मुखिया को पीएम कैसे बना पाएगा।
बसपा प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को सुबह सपा मुखिया पर प्रहार करते हुए तीन ट्वीट किये। पहले ट्वीट में मायावती ने लिखा, “ सपा मुखिया यूपी में मुस्लिम व यादव समाज का पूरा वोट लेकर तथा कई-कई पार्टियों से गठबन्धन करके भी जब अपना सीएम बनने का सपना पूरा नहीं कर सके हैं, तो फिर वो दूसरों का पीएम बनने का सपना कैसे पूरा कर सकते हैं?”
मायावती ने दूसरे ट्वीट में लिखा, “इसके साथ ही, जो पिछले हुये लोकसभा आमचुनाव में, बी.एस.पी. से गठबन्धन करके भी, यहाँ खुद 5 सीटें ही जीत सके हैं, तो फिर वो बी.एस.पी. की मुखिया को कैसे पीएम बना पायेंगे? अतः इनको ऐसे बचकाने बयान देना बन्द करना चाहिये।”
तीसरे ट्वीट में मायावती ने कहा, “साथ ही, मैं आगे सीएम व पीएम बनूं या ना बनूं, लेकिन मैं अपने कमजोर व उपेक्षित वर्गों के हितों में देश का राष्ट्रपति कतई भी नहीं बन सकती हूँ। अतः अब यूपी में सपा का सीएम बनने का सपना कभी भी पूरा नहीं हो सकता है।”
गुरुवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव एक इफ्तार पार्टी में गए थे जहां उनसे मायावती के राष्ट्रपति न बनने वाले बयान पर सवाल किया गया। तब अखिलेश ने कहा है कि वे भी चाहते थे कि बसपा की मुखिया मायावती प्रधानमंत्री बनें। इसलिए 2019 लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने बसपा से गठबंधन किया था। मैं खुश हूं, मैं भी यही चाहता था। पिछले चुनाव में इसी को लेकर गठबंधन किया गया था। अगर गठबंधन जारी रहता तो बसपा और डॉ. भीम राव अंबेडकर के अनुयायी देख सकते थे कि कौन प्रधानमंत्री बनता।
बसपा प्रमुख मायावती ने गुरुवार को भी सपा मुखिया अखिलेश यादव पर हमला बोला था। कहा कि, ‘मैं फिर से सीएम बनने, आगे चलकर पीएम बनने का सपना तो देख सकती हूं, लेकिन देश का राष्ट्रपति बनने का सपना कभी नहीं देख सकती। सपा मुखिया यह अफवाह फैलाना बंद करें। चुनावों में मात खाए अखिलेश विदेश भागने की फिराक में हैं। वहां पहले ही उन्होंने अपना बंदोबस्त कर लिया है।’
मायावती ने बयान जारी कर कहा कि यूपी में भाजपा की सत्ता वापसी के लिए सपा जिम्मेदार है। सपा और भाजपा ने मिलकर पूरे चुनाव को हिंदू-मुस्लिम रंग दे दिया और भाजपा सत्ता में आ गई। अब गरीबों, मुसलमानों पर जो जुल्म हो रहे हैं उसके लिए सपा मुखिया जिम्मेदार हैं।