सुल्तानपुर रोड पर राजधानी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम मिल गया, मगर जिस गांव से ये जमीन ली गई थी, उस अहमामऊ में विकास का वादा टूट गया है। यहां करीब स्टेडियम के लिए करीब 120 एकड़ जमीन लेते समय ग्राम प्रधान से कहा गया था कि एलडीए अहमामऊ और आसपास के गांवों का विकास करवाएगा। मगर ऐसा हुआ नहीं। शानदार स्टेडियम से कुछ दूरी पर अहमामऊ गांव अब भी विकास की बांट जोह रहा है।
गोमती नगर में स्टेडियम ध्वस्त किये जाने के बाद उसके समायोजन में एक स्टेडियम सरकार को बनाना था। जिसको लेकर गोमती नगर विस्तार में शहीद पथ के किनारे पर गोमती नगर विस्तार की भूमि तय कर दी गई। ये भूमि ग्राम पंचायत अहमामऊ की थी। जिस पर चारागाह बना हुआ था। तत्कालीन जिलाधिकारी और एलडीए उपाध्यक्ष ने लेखपाल के माध्यम से उस समय के ग्राम प्रधान तेज नारायण सिंह पर दबाव डाला। जमीन उनसे एलडीए के नाम हस्तांतरित करवाई गई।
उस समय प्रस्ताव में ये तय हुआ था कि अहमामऊ ग्राम पंचायत में यहां स्टेडियम बनाए जाने से बहुत फर्क पड़ेगा। एलडीए जमकर विकास कराएगा। मगर 11 साल बाद जब इस स्टेडियम के निर्माण के बाद विंडीज और भारत के बीच टी-20 मुकाबला छह नवंबर को होगा तो थोड़ी ही दूरी पर अहमामऊ के ग्रामीण अपने गांव की दुर्दशा पर दुखी होंगे।