नई दिल्ली। वायु सेना प्रमुख चीफ एयर मार्शल वीआर चौधरी ने आने वाले समय में कंप्यूटर वायरस, हाइपरसोनिक मिसाइलों के साथ हाइब्रिड युद्ध की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि नई उभरती चुनौतियों के बीच पारंपरिक युद्ध-लड़ने वाली मशीनरी को फिर से तैयार करना, सुधारना और नए सिरे से डिजाइन करना जरूरी है। इस तकनीकी युग में हमारे नेटवर्क पर साइबर हमला कमांड और कंट्रोल सिस्टम को पंगु बना सकता है।
एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी मंगलवार को अखिल भारतीय प्रबंधन संघ (एआईएमए) की ओर से आयोजित सातवें राष्ट्रीय नेतृत्व सम्मेलन (एनएलसी) को संबोधित कर रहे थे। एयर मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि भविष्य के युद्ध में कौन सा देश या संगठन आपका दुश्मन हो सकता है, इसका आसानी से पता नहीं लगाया जा सकता। भविष्य का युद्ध कंप्यूटर वायरस से लेकर हाइपरसोनिक मिसाइल तक हाइब्रिड होगा। साइबर हमले सैन्य गतिरोध से लेकर सूचना ब्लैकआउट तक हो सकते हैं।
उन्होंने नई उभरती चुनौतियों के बीच पारंपरिक युद्ध-लड़ने वाली मशीनरी को फिर से तैयार करने, सुधारने और नए सिरे से डिजाइन करने पर जोर दिया, वरना हमारे नेटवर्क पर एक साइबर हमला कमांड और कंट्रोल सिस्टम को पंगु बना सकता है। इसलिए हमारे सिद्धांतों, उपकरणों, प्रशिक्षण और रणनीति को लचीला होने के साथ ही नई चुनौतियों का तेजी से मुकाबला करने में सक्षम होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत भविष्य में ‘डिस्ट्रीब्यूटेड डेनियल ऑफ सर्विसेज’ हमले के अपराधियों को कभी नहीं जान सकता है और हमें नहीं पता होगा कि हमला कब और कहां से होगा। भारत के सभी मोर्चों पर एक साथ हमला किया जा सकता है, जिसमें आर्थिक गला घोंटने से लेकर राजनयिक अलगाव और सैन्य गतिरोध से लेकर ‘डिस्ट्रीब्यूटेड डेनियल ऑफ सर्विसेज’ के हमलों के रूप में सूचनाओं को ब्लैक आउट करना शामिल है।
एयर चीफ ने कहा कि यह सब पहली गोली चलने या पहला विमान सीमा पार जाने से पहले हो जाएगा। भविष्य के युद्ध में संघर्ष का स्पेक्ट्रम परमाणु ओवरहैंग के तहत पारंपरिक से उप-पारंपरिक तक फैले सभी डोमेन में फैला होगा। उन्होंने जोर दिया कि हमें संघर्ष के पूर्ण स्पेक्ट्रम के साथ क्षमताओं को विकसित करने और बहु-डोमेन संचालन पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने मार्च, 2022 में भी नई चुनौतियों को देखते हुए आधुनिक विमानन में प्रौद्योगिकी के तेजी से प्रसार पर विशेष जोर दिया था। उन्होंने 15 मार्च को राष्ट्रीय राजधानी में अंतरराष्ट्रीय एयरोस्पेस सुरक्षा सम्मेलन में कहा था कि आधुनिक विमानन में प्रौद्योगिकी के तेजी से समावेश ने नई चुनौतियों को जन्म दिया है। सबसे बड़ी चुनौती मानव दिमाग को तेजी से और व्यापक रूप से अनुकूलित करने के लिए तैयार करना है। नई प्रौद्योगिकियों से हम कैसे प्रशिक्षित होते हैं और हम कैसे काम करते हैं, इसमें एक आदर्श बदलाव की आवश्यकता होगी।