फ्रांस सरकार ने कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के राफेल करार पर बयान से उपजे विवाद के बाद उसे भारत के साथ संबंध खराब होने का डर है। राफेल लड़ाकू जेट विमानों की खरीद को लेकर ओलांद के बयान ने भारत में पहले से चल रहे विवाद को और हवा दे दी है।
ओलांद ने पिछले साल मई में फ्रांस के राष्ट्रपति का पद छोड़ा था। शुक्रवार को उन्होंने कहा था कि फ्रांस की विमान कंपनी दासौ एविएशन को 2016 में भारतीय प्रशासन के साथ हुए सौदे के तहत भागीदार चुनने में कोई विकल्प नहीं दिया गया था।
ओलांद के बयान पर रविवार को फ्रांस के जूनियर विदेश मंत्री जीन-बापटिस्ट लीमोयने ने कहा कि यह जो बयान दिया गया है, इससे किसी का भला नहीं होने वाला है। सबसे बड़ी बात है कि इससे फ्रांस को कोई फायदा नहीं होने वाला है।
एक साक्षात्कार में लीमोयने ने कहा कि कोई भी जब पद पर नहीं है और वह ऐसा वक्तव्य देता है, जिससे भारत में विवाद खड़ा होता है और भारत-फ्रांस के बीच रणनीतिक भागीदारी को नुकसान पहुंचाता है, तो यह वास्तव में उचित नहीं है।
ओलांद ने यह बयान खुद अपने बचाव में दिया है। उन पर आरोप है कि उनकी गर्लफ्रेंड जूली गाएत ने 2016 में एक फिल्म का निर्माण अंबानी की कंपनी के सहयोग से किया। यह निश्चित तौर पर हितों के टकराव को दिखाता है।