केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी के दिग्गज दलित नेता थावरचंद गहलोत ने शनिवार को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दो दिन पहले दिए बयान में उनका बचाव किया है. केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री गहलोत ने कहा, ‘‘चौहान ने कहा था कि इस एक्ट के तहत की गई शिकायत पर बिना जांच की गिरफ्तारी नहीं होगी. जबकि इस एक्ट के प्रावधानों के अनुसार शिकायत आने पर मामला दर्ज होने के बाद गिरफ्तार करने से पहले जांच होनी चाहिए. चौहान ने एक्ट के अनुसार ही तो कहा है.’’ उन्होंने दावा किया कि चौहान के कहने एवं एक्ट के प्रावधानों में कोई अंतर नहीं है.
बिना जांच नहीं होगी गिरफ्तारी- सीएम शिवराज
चौहान ने दो दिन पहले बालाघाट एवं ट्वीट में कहा था, ‘‘एससी/एसटी एक्ट का मध्यप्रदेश में दुरूपयोग नहीं होने दिया जायेगा. इस एक्ट के तहत की गई शिकायत संबंधी मामले में पूरी जांच के बाद ही मामला कायम किया जाएगा. बिना जांच की गिरफ्तारी नहीं होगी. इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जल्द ही निर्देश जारी किया जाएगा.’’ सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि एससी/एसटी एक्ट के तहत तब तक गिरफ्तारी न हो, जब तक जांच पूरी नहीं होती. इस फैसले के विरोध में देशव्यापी उग्र प्रदर्शनों के बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अध्यादेश के जरिए बदला और संविधान में संशोधन कर व्यवस्था कर दी कि शिकायत लिखाते ही मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और उसे छह माह तक जमानत नहीं दी जाएगी.