मेरठ। पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक शुक्रवार को लखनऊ में अपने बेटे पूर्व विधायक पंकज मलिक के साथ सपा में शामिल हो गए। इससे कांग्रेस को करारा झटका लगा है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक और उनके बेटे पंकज मलिक ने एक सप्ताह पहले पार्टी को अलविदा कह दिया था। इसके बाद से ही उनके सपा में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे। शुक्रवार को लखनऊ में सपा कार्यालय में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सामने दोनों पिता-पुत्र साइकिल पर सवार हो गए। इसका सीधा असर मुजफ्फननगर और शामली जनपद की राजनीति पर पड़ेगा। इससे पहले हरेंद्र मलिक इनेलो से राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं और प्रियंका गांधी के निजी सलाहकार रहे। उनके पुत्र पंकज मलिक बघरा और शामली सीटों से विधायक चुने गए थे। इस समय वे कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष थे। पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक ने डीएवी कॉलेज मुजफ्फरनगर में में छात्र राजनीति से अपनी पारी शुरू की। इसके बाद 1982 में क्षेत्र पंचायत सदस्य चुने गए। 1985 में खतौली विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। बघरा सीट से वे तीन बार विधायक रहे। 1996 में विधानसभा चुनाव हार गए। इसके बाद लोकसभा चुनाव में भी हार मिली। 2002 में इनेलो से राज्यसभा सदस्य चुने गए। 2007 में उनके पुत्र पंकज मलिक बघरा से विधायक चुने गए। 2012 में शामली सीट से कांग्रेस टिकट पर पंकज विधायक चुने गए थे। काफी समय से दोनों पिता-पुत्र के कांग्रेस छोड़ने के कयास लगाए जा रहे थे।