मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के राहत आयुक्त संजय कुमार से नाराज पद से हटाने का निर्देश दिया…
September 21, 2018
उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण के शासी निकाय की बैठक में राहत आयुक्त संजय कुमार के मौजूद न रहने से नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें हटाने का निर्देश दिया है। करीब छह वर्ष बाद हुई इस बैठक में शासी निकाय के समक्ष बैठक का एजेंडा राहत आयुक्त संजय कुमार को प्रस्तुत करना था लेकिन, वह बैठक में नहीं आये।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण के शासी निकाय की कल बैठक हुई। कई मंत्री हाल ही में पुनर्गठित शासी निकाय के सदस्य हैं। इस बैठक में संजय कुमार के न आने की सूचना पर मुख्यमंत्री बिफर गए। उन्होंने जब राहत आयुक्त के बैठक में न आने का कारण पूछा तो अफसरों ने दलील दी कि बैडमिंटन खेलने के दौरान उनका कंधा डिसलोकेट हो गया, इसलिए वह बैठक में नहीं आ सके।
मुख्यमंत्री इससे संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने यह कहते हुए उन्हें हटाने का निर्देश दिया कि ‘फिर उन्हें आराम करने के लिए भेज दीजिए।’ मुख्यमंत्री के इस निर्देश के बाद बैठक में सन्नाटा छा गया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर हाल ही में शासी निकाय का पुनर्गठन किया गया है। योगी आदित्यनाथ सरकार में शासी निकाय की यह पहली बैठक थी। बैठक में राहत आयुक्त के न आने से मुख्यमंत्री का पारा गर्म हो गया। सूत्रों के मुताबिक राहत आयुक्त संजय कुमार के बारे में मुख्यमंत्री को पहले ही कई शिकायतें मिली थीं।
यह बैठक शाम सात बजे होनी थी। इसके बाद भी बैठक आधे घंटे की देरी से शुरू हुई। मंत्री स्वाति सिंह और बलदेव सिंह औलख इस बैठक में पहुंच चुके थे। प्रमुख गृह सचिव अरविंद कुमार और कृषि उत्पादन आयुक्त भी मौजूद थे। इनके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ भी बैठक में पहुंच गए लेकिन जिस अधिकारी को सबसे पहले पहुंचना चाहिए था उनका इंतजार ही होता रहा।
राहत आयुक्त संजय कुमार इस बैठक में नहीं आए। उन्हें ही मीटिंग का एजेंडा पेश करना था। इंतजार के बाद सीएम योगी ने संजय कुमार के न आने के बारे में पूछा। सीनियर आईएएस अफसर ने बताया कि बैडमिंटन खेलने के दौरान उन्हें कंधे में चोट आ गई है। इसी कारण संजय कुमार नहीं आए। जवाब से योगी आदित्यनाथ संतुष्ट नहीं हुए। उनका ग़ुस्सा सातवें आसमान पर था। उन्होंने दो-टूक कहा कि ऐसे लापरवाह अधिकारी को तुरंत हटाओ। उनके इतना कहते ही हॉल में सन्नाटा छा गया। 2002 बैच के आईएएस अधिकारी संजय कुमार बिहार के निवासी हैं। इससे पहले इलाहाबाद के जिलाधिकारी थे। उनकी पत्नी अपर्णा भी आइपीएस अफसर हैं। फोटोग्राफी का शौक रखने वाले संजय कुमार सीतापुर के भी डीएम रह चुके हैं।
बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि आपदा प्रबंधन को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि लोगों के साथ-साथ सिविल डिफेंस एवं युवक मंगल दल केसदस्यों को भी जोड़ते हुए आपदा प्रबंधन के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त करते हुए डाटा सेंटर विकसित किया जाए। उन्होंने राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण तथा स्टेट डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स को और अधिक प्रभावी बनाए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्राधिकरण में आवश्यकतानुसार विशेषज्ञों तथा अन्य जरूरी स्टाफ की नियुक्ति के कार्यों में तेजी लाए जाने का निर्देश दिया। प्राधिकरण के शासी निकाय की बैठक साल में दो बार करने का भी निर्देश दिया।
उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण के शासी निकाय की बैठक में राहत आयुक्त संजय कुमार के मौजूद न रहने से नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें हटाने का निर्देश दिया है। करीब छह वर्ष बाद हुई इस बैठक में शासी निकाय के समक्ष बैठक का एजेंडा राहत आयुक्त संजय कुमार को प्रस्तुत करना था लेकिन, वह बैठक में नहीं आये।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण के शासी निकाय की कल बैठक हुई। कई मंत्री हाल ही में पुनर्गठित शासी निकाय के सदस्य हैं। इस बैठक में संजय कुमार के न आने की सूचना पर मुख्यमंत्री बिफर गए। उन्होंने जब राहत आयुक्त के बैठक में न आने का कारण पूछा तो अफसरों ने दलील दी कि बैडमिंटन खेलने के दौरान उनका कंधा डिसलोकेट हो गया, इसलिए वह बैठक में नहीं आ सके।
मुख्यमंत्री इससे संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने यह कहते हुए उन्हें हटाने का निर्देश दिया कि ‘फिर उन्हें आराम करने के लिए भेज दीजिए।’ मुख्यमंत्री के इस निर्देश के बाद बैठक में सन्नाटा छा गया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर हाल ही में शासी निकाय का पुनर्गठन किया गया है। योगी आदित्यनाथ सरकार में शासी निकाय की यह पहली बैठक थी। बैठक में राहत आयुक्त के न आने से मुख्यमंत्री का पारा गर्म हो गया। सूत्रों के मुताबिक राहत आयुक्त संजय कुमार के बारे में मुख्यमंत्री को पहले ही कई शिकायतें मिली थीं।
यह बैठक शाम सात बजे होनी थी। इसके बाद भी बैठक आधे घंटे की देरी से शुरू हुई। मंत्री स्वाति सिंह और बलदेव सिंह औलख इस बैठक में पहुंच चुके थे। प्रमुख गृह सचिव अरविंद कुमार और कृषि उत्पादन आयुक्त भी मौजूद थे। इनके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ भी बैठक में पहुंच गए लेकिन जिस अधिकारी को सबसे पहले पहुंचना चाहिए था उनका इंतजार ही होता रहा।
राहत आयुक्त संजय कुमार इस बैठक में नहीं आए। उन्हें ही मीटिंग का एजेंडा पेश करना था। इंतजार के बाद सीएम योगी ने संजय कुमार के न आने के बारे में पूछा। सीनियर आईएएस अफसर ने बताया कि बैडमिंटन खेलने के दौरान उन्हें कंधे में चोट आ गई है। इसी कारण संजय कुमार नहीं आए। जवाब से योगी आदित्यनाथ संतुष्ट नहीं हुए। उनका ग़ुस्सा सातवें आसमान पर था। उन्होंने दो-टूक कहा कि ऐसे लापरवाह अधिकारी को तुरंत हटाओ। उनके इतना कहते ही हॉल में सन्नाटा छा गया। 2002 बैच के आईएएस अधिकारी संजय कुमार बिहार के निवासी हैं। इससे पहले इलाहाबाद के जिलाधिकारी थे। उनकी पत्नी अपर्णा भी आइपीएस अफसर हैं। फोटोग्राफी का शौक रखने वाले संजय कुमार सीतापुर के भी डीएम रह चुके हैं।
बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि आपदा प्रबंधन को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि लोगों के साथ-साथ सिविल डिफेंस एवं युवक मंगल दल केसदस्यों को भी जोड़ते हुए आपदा प्रबंधन के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त करते हुए डाटा सेंटर विकसित किया जाए। उन्होंने राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण तथा स्टेट डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स को और अधिक प्रभावी बनाए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्राधिकरण में आवश्यकतानुसार विशेषज्ञों तथा अन्य जरूरी स्टाफ की नियुक्ति के कार्यों में तेजी लाए जाने का निर्देश दिया। प्राधिकरण के शासी निकाय की बैठक साल में दो बार करने का भी निर्देश दिया।