अब यूपी में प्रवेश से पहले दूसरे प्रदेशों से आ रहे लोगों की होगी कोविड की जांच

लखनऊ। एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के साथ-साथ तेज टीकाकरण की रणनीति कोविड से बचाव में अत्यंत कारगर रही है। विगत 24 घंटे में हुई 01 लाख 50 हजार 986 सैम्पल की टेस्टिंग में 12 नए संक्रमित मरीज पाए गए, जबकि 11 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। वर्तमान में प्रदेश में एक्टिव कोविड केस की संख्या 142 रह गई है, जबकि 16 लाख 86 हजार 928 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं। बेहतर स्थिति बनाये रखने के लिए दूसरे प्रदेशों से आ रहे लोगों की समुचित जांच की जाए।

प्रदेश में अब तक 11 करोड़ 50 लाख से अधिक कोविड वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं।02 करोड़ 42 लाख से अधिक लोगों ने टीके की दोनों डोज प्राप्त कर ली है। इस प्रकार, 16 फीसदी से अधिक लोग पूरी तरह टीकाकवर प्राप्त कर चुके हैं। जबकि 61 फीसदी से अधिक लोगों ने कम से कम एक डोज लगवा ली है। दूसरे डोज के लिए पात्र लोगों को समय से टीकाकवर दिया जाए। वैक्सीन की उपलब्धता बनाए रखने के लिए भारत सरकार से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखें।

अतिवृष्टि के कारण धान व गन्ना सहित जिस भी कृषि उपज का नुकसान हुआ है, राज्य सरकार सबकी क्षतिपूर्ति करेगी। हर प्रभावित किसान को पूरा मुआवजा दिया जाएगा। राजस्व और कृषि विभाग द्वारा नुकसान के आकलन का काम यथाशीघ्र पूरा किया जाए। एक भी पात्र किसान क्षतिपूर्ति से वंचित न रहे।

डेंगू, डायरिया, कॉलरा सहित विभिन्न वायरल बीमारियों से बचाव के लिए सर्विलांस को बेहतर करते हुए हर एक मरीज के स्वास्थ्य की सतत निगरानी की जाए। फिरोजाबाद, कानपुर, कन्नौज, मथुरा, आगरा आदि जनपदों में विशेष सतर्कता बरती जाए। अस्वस्थ लोगों के उपचार के लिए सभी अस्पतालों में प्रबंध किए गए हैं। व्यापक स्वच्छता, सैनिटाइज़ेशन और फॉगिंग का कार्य सतत जारी रखें। लक्षणयुक्त मरीजों की जांच जरूर की जाए।

खाद्य तेलों और दाल के मूल्य में अचानक तेजी देखी जा रही है। भारत सरकार द्वारा इस संबंध में स्टॉक लिमिट भी तय की गई है। जमाखोरों के खिलाफ छापेमारी कर सख्त कार्रवाई की जाए। मूल्य नियंत्रित रहे, इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं।

त्योहारों का समय प्रारंभ हो चुका है। प्रदेश में शांतिपूर्ण वातावरण बना रहे, इसके लिए सभी नियोजित प्रयास किए जाएं। जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान से लेकर प्रशासन के सभी अंग सतर्क और सावधान रहें। दुर्गा पूजा कमेटियों, धर्माचार्यों, किसान संगठनों, सिविल सोसाइटी के साथ संपर्क-संवाद बनाया जाए। सभी का सहयोग लेकर पर्व-त्योहारों को शांतिपूर्ण ढंग से संपादित कराया जाए। अराजक/उपद्रवी तत्वों पर सतत नजर रखी जाए। उनके साथ पूरी कठोरता की जानी चाहिए।

किसानों को सुगमतापूर्वक डीएपी खाद की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। प्रत्येक जिले में मांग-आपूर्ति के बीच संतुलन बनाये रखें। डीएपी के कृत्रिम अभाव की स्थिति बनाने वालों के साथ कठोरता से निपटा जाए।

प्रदेश में सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने का प्रदेशव्यापी अभियान और तेज किया जाए। कार्य की गुणवत्ता में कमी नहीं होनी चाहिए। इसकी मॉनीटरिंग भी की जाए।

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