पाकिस्तान में इमरान खान के नेतृत्व में नई सरकार बनने के बाद भारत-पाक के बीच रिश्तों में सुधार के लिए बातचीत की सुगबुगाहट फिर से शुरू हो गई है. इमरान सरकार ने प्रस्ताव रखा है कि न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के आयोजन के दौरान भारत-पाक के विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत हो. हालांकि, भारत का रुख यही है कि ‘आतंक और वार्ता साथ-साथ नहीं हो सकती.’
इसकी संभावना को लेकर दोनों देशों के अधिकारियों के बीच चर्चा शुरू हो गई है. दोनों देशों के बीच बातचीत की संभावना की चर्चा इमरान खान के पीएम मोदी को 14 सितंबर को लिखे लेटर से शुरू हुई. इमरान खान ने पीएम मोदी के बधाई संदेश के जवाब में यह लेटर लिखा था.
न्यूयॉर्क में होगी विदेश मंत्रियों की बातचीत!
इमरान खान के इस लेटर में ही यह प्रस्ताव दिया गया है कि इस माह के अंत में न्यूयॉर्क में आयोजित होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के दौरान भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बीच बातचीत हो. इमरान खान ने यह प्रस्ताव भी रखा है कि भारत जल्दी से जल्दी पाकिस्तान में सार्क सम्मेलन आयोजित कराने पर विचार करे.
दोनों देशों के सूत्रों ने आजतक-इंडिया टुडे से इस बात की पुष्टि की है कि इस तरह की मुलाकात की संभावना को लेकर संबंधित विदेश मंत्रालय अधिकारियों के बीच बातचीत चल रही है. सूत्रों के मुताबिक खान ने कश्मीर सहित सभी बड़े लंबित मसलों को हल करने का भी आह्वान किया है.
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक न्यूयॉर्क में 25 सितंबर से शुरू हो रही है, जो अगले 9 दिन तक चलेगी. इसी दौरान सार्क विदेश मंत्रियों की भी बैठक हो सकती है.
उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि 27 सितंबर को सार्क देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक से एक दिन पहले यह मुलाकात हो सकती है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री डॉ. फैजल ने बुधवार को कहा, ‘अभी इस बारे में कोई निर्णय नहीं हुआ है. हम इसकी कोशिश में लगे हैं.’
दूसरी तरफ, उच्च पदस्थ सूत्रों ने आजतक-इंडिया टुडे से कहा है कि, ‘भारत का रुख यही है कि आतंकवाद और वार्ता साथ-साथ नहीं हो सकती. इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता कि वार्ता होगी या नहीं, लेकिन रुख साफ है.’