भारत की अध्यक्षता में ब्रिक्स में कई चीजें पहली बार हुईं

भारत की अध्यक्षता में ब्रिक्स में कई चीजें पहली बार हुईं

नई दिल्ली (शाश्वत तिवारी)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा भारत की अध्यक्षता के दौरान हमें ब्रिक्स के सभी पार्टनर्स का सहयोग मिला। पिछले डेढ़ दशक में ब्रिक्स ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं।आज हम विश्व की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक प्रभावकारी आवाज़ हैं। विकासशील देशों की प्राथमिकताओं पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए भी यह मंच उपयोगी साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स ने न्यू डेवलपमेंट बैंक, कंटीजेंसी रिजर्व अरेंजमेंट और एनर्जी रिसर्च कोऑपरेशन जैसे मजबूत संस्थाओं का सृजन किया है।

विकासशील देशों के लिए उपयोगी मंच साबित हो रहा है ब्रिक्स

प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) ब्रिक्स के 13वें शिखर सम्मेलन की डिजिटल प्रारूप में अध्यक्षता कर रहे थे। ब्रिक्स इस वर्ष अपनी 15वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस के बार शिखर सम्मेलन का विषय: ‘ब्रिक्स @15: निरंतरता, समेकन और आम सहमति की खातिर अंतर-ब्रिक्स सहयोग’ था। यह दूसरा मौका था जब प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता की। इससे पहले 2016 में उन्होंने गोवा में सम्मेलन की अध्यक्षता की थी।

सम्मेलन में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना है कि ब्रिक्स अगले 15 वर्षों में और परिणामदायी हो। भारत ने अपनी अध्यक्षता के लिए जो विषय चुना है, वह यही प्राथमिकता दर्शाता है। यह भी पहली बार हुआ है कि ब्रिक्स ने बहुपक्षीय प्रणाली की मजबूती और सुधार पर एक साझा दृष्टिकोण अपनाया है। उन्होंने कहा कि हमने ब्रिक्स “काउंटर टेररिज्म एक्शन प्लान” भी अडॉप्ट किया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की अध्यक्षता में ब्रिक्स में कई चीजें पहली बार हुईं हैं। हाल ही में पहले “ब्रिक्स डिजिटल हेल्थ सम्मेलन” का आयोजन हुआ, जो तकनीकी की मदद से लोगों तक स्वास्थ्य पहुंच बढ़ाने का एक उन्नतिशील कदम है। उन्होंने कहा कि नवंबर में हमारे जल संसाधन मंत्री ब्रिक्स फॉर्मेट में पहली बार मिलेंगे। हमारी अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच रिमोट सेंसिंग उपग्रह डेटा साझा करने को लेकर हुए समझौते से सहयोग का एक नया अध्याय शुरू हो रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा हमारे कस्टम विभागों के बीच सहयोग से इंट्रा ब्रिक्स व्यापार आसान होगा। एक वर्चुअल नेटवर्क के रूप में ब्रिक्स वैक्सिनेशन अनुसंधान और विकास केंद्र शुरू करने पर भी सहमति बनी है। ब्रिक्स एलायंस ऑन ग्रीन टूरिजम एक और नई पहल है। उन्होंने कहा कि इन सभी नई पहलों से न सिर्फ हमारे नागरिकों को लाभ मिलेगा, बल्कि हमारा ब्रिक्स संगठन भी आने वाले समय में प्रासंगिक रहेगा ।

बैठक में ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा मौजूद रहे। इसके साथ ही भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, न्यू डेवलपमेंट बैंक के अध्यक्ष मार्कोस ट्रॉयजो, ब्रिक्स व्यापार परिषद के अस्थायी अध्यक्ष ओंकार कंवर और ब्रिक्स वुमन बिजनेस एलायंस की अस्थायी अध्यक्ष डॉ संगीता रेड्डी ने अलग-अलग रिपोर्ट पेश की।

अफगानिस्तान को आतंक की शरण स्थली बनने से रोकने पर बनी आम सहमति:

भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि ब्रिक्स नेताओं ने अफगानिस्तान सहित महत्वपूर्ण वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया। इस दौरान सभी नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की प्राथमिकता को रेखांकित करते हुए अफगानिस्तान को दूसरे देशों के खिलाफ आतंकी गतिविधियों की शरण स्थली बनने से रोकने पर आम सहमति जताई। इसके साथ ही सम्मेलन में ब्रिक्स देशों में भी मानवीय स्थिति को संबोधित करने और महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों सहित मानवाधिकारों को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

भारत की अध्यक्षता में आयोजित होंगी 150 बैठकें और कार्यक्रम:

अपने बयान में मंत्रालय ने कहा कि भारत की अध्यक्षता में हो रहे ब्रिक्स सम्मेलन को लेकर अगस्त 2021 तक लगभग 100 कार्यक्रम और बैठकें संपन्न हो चुकी हैं। मंत्रालय ने कहा कि हमें उम्मीद है कि हमारी अध्यक्षता के अंत तक हम लगभग 150 बैठकें और कार्यक्रम आयोजित कर लेंगे, जिसमें 23 मंत्रिस्तरीय और 46 वरिष्ठ अधिकारी और कार्य स्तर की बैठकें शामिल हैं। भारत ने अपनी अध्यक्षता के लिए प्राथमिकता वाले चार क्षेत्रों की रूपरेखा तैयार की थी। इनमें बहुपक्षीय प्रणाली में सुधार, आतंकवाद विरोधी सहयोग, सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति, डिजिटल तकनीकी उपकरणों का उपयोग और लोगों से लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देना शामिल था।

पिछले माह ब्रिक्स के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की हुई थी बैठक:

बता दें कि पिछले माह ब्रिक्स के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की एक वर्चुअल बैठक आयोजित हुई थी। जिसकी अध्यक्षता भारत के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (एनएसए) अजीत डोभाल ने की थी। बैठक में मुख्य तौर पर अफगानिस्तान, ईरान, पश्चिम एशिया और खाड़ी में वर्तमान हालात और साइबर सुरक्षा जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उभरते खतरों के संदर्भ में चर्चा की गई थी।

क्या है ब्रिक्स:

ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) में दुनिया के पांच सबसे बड़े विकासशील देशों का संगठन है,  जो वैश्विक आबादी के 41 प्रतिशत, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के 24 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार के 16 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com