वाशिंगटन। संयुक्त राष्ट्र अमेरिका स्थित हिंदू स्वयंसेवक संघ (एचएसएस) ने ऑनलाइन कार्यक्रम ‘डिसमेंटलिंग ग्लोबल हिंदुत्व’ विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि हम ऐसी घटनाओं की निंदा करते हैं जो हिंदूफोबिया और हिंदुओं के प्रति नफरत को बढ़ाती है। यह पश्चिम में अल्पसंख्यक हिंदू आबादी के खिलाफ हिंसा को उकसाने का काम करती है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय ने अमेरिकी मूल्यों को आत्मसात करते हुए राष्ट्रीय प्रगति में योगदान दिया है। हमारे समुदाय के लोगों को कई बार व्यवसायों और पूजा स्थलों पर हमलों का सामना करना पड़ा है। एफबीआई की वर्ष 2018 की रिपोर्ट दर्शाती है कि अमेरिका में हिंदुओं पर हमले बढ़े हैं, जो धार्मिक घृणा से प्रेरित है।
तथाकथित भारतीय राजनीतिक कार्यकर्ताओं द्वारा ऐसे सम्मेलन का आयोजन किया जाता है जिसमें कई कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य और कुछ अमेरिकी शैक्षणिक संस्थानों के लोग शामिल होते हैं, जिनको कुछ विभागों का समर्थन प्राप्त होता है। इन सम्मेलनों में ऐसे वक्ताओं को शामिल किया जाता है जिनको हिंदुत्व की जानकारी नहीं होती। सम्मेलन में ऐसे लोगों को शामिल नहीं किया जाता जो विषय पर सही तरीके से पक्ष रखने के साथ वैकल्पिक दृष्टिकोण प्रदान कर सकते हैं। तथ्य यह है जिसके बाद से कई विश्वविद्यालय इस तरह के सार्वजनिक आयोजन से पीछे हट गए और आयोजकों को अपनी वेबसाइट से विश्वविद्यालय लोगो को हटाने के लिए कहा गया।
हिंदुत्व को समझने के लिए किसी भी अकादमिक प्रयास का एचएसएस स्वागत करता है जहां विषय पर चर्चा, विश्लेषण, बहस, जांच के साथ ज्ञान में वृद्धि होती हो। लेकिन यहां ऐसे सम्मेलन को बढ़ावा दिया जाता है जो हिंदुओं को उखाड़ फेंकने के लिए हिंसक कार्रवाई का आह्वान करता है। कथित विश्वविद्यालय ऐसे लोगों को शक्ति प्रदान करते हैं। विश्वविद्यालय के मंच ऐसे प्रायोजनों को प्रश्रय देता है जो हिंसा का आह्वान कर विश्वविद्यालय परिसर में हिंदू छात्रों को नुकसान पहुंचा सकें।
हम विश्वविद्यालयों से इस तरह के आयोजनों के लिए अपने संस्थागत समर्थन को वापस लेने, अल्पसंख्यक समुदायों पर निशाना साधने और उनकी शैक्षणिक प्रतिष्ठा को नुकसान से बचाने का आग्रह करते हैं।
एचएसएस अपने सदस्यों, कई हिंदू संगठनों और व्यक्तियों की सराहना और समर्थन करता है जो विश्वविद्यालय के अधिकारियों को अपनी चिंता व्यक्त कर रहे हैं, और चुने हुए अधिकारियों को अपने अनुभव से हिंदूफोबिया के बारे में शिक्षित कर रहे हैं ।
हिंदुत्व जीवन का एक तरीका है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 1985 के अपने फैसले में भी इसी तरह की राय व्यक्त की है। हिंदू “वसुधैव कुटुम्बकम” या “संपूर्ण विश्व एक परिवार के दर्शन में विश्वास करता है। 11 सितंबर, 1893 को स्वामी विवेकानंद का शिकागो में दिया गया प्रसिद्ध संबोधन हमें “हिंदू धर्म” पर गर्व करने की याद दिलाता है; जिसने विश्व को सहिष्णुता, सार्वभौमिक स्वीकृति और सम्मान सिखाया है। यह गहन ज्ञान समाज में विविधता, समानता और समावेशिता की वर्तमान आवश्यकता को संबोधित करता है।
हिंदू-अमेरिकी समुदाय, एक धार्मिक अल्पसंख्यक, अमेरिका में अन्य सभी समुदायों की तरह सुरक्षा और सम्मान का हकदार है। एचएसएस सभी से हिंदूफोबिया के उदय का मुकाबला करने और हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह करता है।
हिंदू स्वयंसेवक संघ यूएसए (एचएसएस या एचएसएस यूएसए) एक सामाजिक, शैक्षिक और सांस्कृतिक संगठन है। जो सेवा गतिविधियों के साथ नागरिक कर्तव्य, जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देता है। एचएसएस यूएसए अपने सदस्यों के बीच हिंदू विरासत में गर्व पैदा करने और संयुक्त राज्य अमेरिका में व्यापक समुदाय द्वारा दुनिया भर के हिंदुओं, उनकी परंपराओं और सभ्यता की सराहना बढ़ाने का प्रयास करता है।