13 हजार करोड़ रुपए के पीएनबी (PNB) घोटाले में देश की सबसे बड़ी लॉ फर्म फंस गई है. इस फर्म का नाम सिरील अमरचंद मंगलदास (CAM) है. सीबीआई व अन्य केंद्रीय एजेंसियां घोटाले में कंपनी की भूमिका की जांच में लगी हैं. एजेंसियों ने कंपनी के दफ्तर से घोटाले से संबंधित कागजात जब्त किए हैं. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पीएनबी ने इस साल जनवरी में हीरा व्यापारी नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी के खिलाफ धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज कराया था. इसके बाद सीबीआई ने जांच शुरू कर दी.
सिरील का मुवकिल नहीं नीरव मोदी
फरवरी 2018 में नीरव मोदी के एक सहयोगी ने उसके दफ्तर से कागजात निकालकर सिरील के दफ्तर में पहुंचा दिए थे, जिसे पुलिस ने एक हफ्ते बाद अपने कब्जे में ले लिया था. इसके बाद में सीबीआई के हवाले कर दिया गया. मोदी केस में अभियोजन पक्ष के वकील के. राघवचर्यलु ने कहा कि लॉ फर्म के पास घोटाले से संबंधित कागजात मिले हैं, जबकि फर्म मोदी को सेवाएं नहीं दे रही थी. वकील ने कहा कि पीएनबी घोटाले में सिरील मोदी का केस नहीं लड़ रही. इसलिए वह यह नहीं कह सकते कि मोदी और चोकसी उनके मुवकिल हैं.
सीबीआई ली इंटरपोल की मदद
2013 से ही मोदी के समूह की कंपनियों- डायमंड आर यूएस, स्टीलर डायमंड और सोलर एक्सपोर्ट्स और अन्य के समृद्ध और जानेमाने भारतीय खरीदार रहे है. पीएनबी ने मोदी और उसके समूह की कंपनियों द्वारा 13,500 करोड़ रुपये के घोटाले की सूचना दी थी, जिसमें देश की बैंकिंग प्रणाली में बड़े पैमाने पर उथल-पुथल मचा दिया है. सीबीआई ने भी मोदी को ढूंढने के लिए फरवरी में इंटरपोल से संपर्क किया था.
मोदी की 7600 करोड़ की संपत्ति जब्त
ईडी ने मोदी के फायरस्टार ग्रुप के उपाध्यक्ष श्याम सुंदर वाधवा को गिरफ्तार कर लिया है और अब तक देशभर में 251 संपत्तियों को जब्त किया है और हीरे सोना, मोती समेत कई कीमती पत्थरों को जब्त किया है. ईडी ने दावा किया है कि उसने मोदी और उसके कारोबारी समूहों से जुड़े 7,638 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को जब्त किया है