नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि 100 वर्ष की सबसे बड़ी महामारी के विरुद्ध लड़ाई में हिमाचल प्रदेश चैंपियन बनकर उभरा है। प्रदेश ने अपने सभी व्यस्क नागरिकों को कोरोना वैक्सीन का पहला टीका लगाकर देश का आत्मविश्वास बढ़ाया है।
प्रधानमंत्री मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मियों और कोरोना रोधी टीकाकरण के लाभार्थियों से संवाद कर रहे थे। हिमाचल भारत का पहला राज्य बना है जिसने अपनी पूरी पात्र आबादी (18 वर्ष से अधिक आयु) को कोरोना रोधी टीके की कम से कम एक डोज लगा ली है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब हमें मिलकर ये प्रयास करना है कि जिन्होंने पहली डोज ली है वो दूसरी डोज भी जरूर लें।
प्रधानमंत्री ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से दिये ‘सबका प्रयास’ के मंत्र को दोहराते हुए कहा कि हिमाचल के बाद सिक्किम और दादरा नगर हवेली ने शत प्रतिशत पहली डोज का पड़ाव पार कर लिया है और अनेक राज्य इसके बहुत निकट पहुंच गए हैं।
वैक्सीन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज एक दिन में सवा करोड़ टीके लगाकर रिकॉर्ड बना रहा है। जितने टीके भारत आज एक दिन में लगा रहा है, वो कई देशों की पूरी आबादी से भी ज्यादा है। भारत के टीकाकरण अभियान की सफलता प्रत्येक भारतवासी के परिश्रम और पराक्रम की पराकाष्ठा का परिणाम है।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में आजादी के अमृतकाल का जिक्र करते हुए हिमाचल के किसानों और बागबानों से एक आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आने वाले 25 सालों में हिमाचल की खेती को फिर से ऑर्गेनिक बनाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। धीरे-धीरे कैमिकल से अपनी मिट्टी को मुक्त करना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की टीकाकरण के क्षेत्र में किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि कठिन परिस्थितियों के बावजूद टीकाकरण अभियान को जनसंवाद और जनभागीदारी के कारण संभव किया गया। उन्होंने कहा कि हिमाचलवासियों ने किसी भी अफवाह और दुष्प्रचार को टिकने नहीं दिया। हिमाचल इस बात का प्रमाण है कि देश का ग्रामीण समाज किस प्रकार दुनिया के सबसे बड़े और सबसे तेज टीकाकरण अभियान को सशक्त कर रहा है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि लाहौल स्पीति जैसा दुर्गम जिला भी शत-प्रतिशत टीकाकरण का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह वो क्षेत्र है जो अटल टनल बनने से पहले महीनों-महीनों तक देश के बाकी हिस्से से कटा रहता था।
हिमाचल में तेज गति से हो रहे विकास का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सशक्त होती कनेक्टिविटी का सीधा लाभ पर्यटन को भी मिल रहा है और फल-सब्ज़ी का उत्पादन करने वाले किसान-बागबानों को भी मिल रहा है। गांव-गांव इंटरनेट पहुंचने से हिमाचल की युवा प्रतिभाएं, वहां की संस्कृति को पर्यटन की नई संभावनाओं को देश-विदेश तक पहुंचा पा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने ड्रोन टेक्नोलॉजी से जुड़े नियमों में हुए बदलाव का जिक्र करते हुए कहा कि अब इसके नियम बहुत आसान बना दिए गए हैं। इससे हिमाचल में स्वास्थ्य से लेकर कृषि जैसे अनेक सेक्टर में नई संभावनाएं बनने वाली हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अब बहनों के स्वयं सहायता समूहों के लिए विशेष ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाने वाली है। इस माध्यम से हमारी बहनें, देश और दुनिया में अपने उत्पादों को बेच पाएंगी। सेब, संतरा, किन्नु, मशरूम, टमाटर, ऐसे अनेक उत्पादों की हिमाचल की बहनें देश के कोने-कोने में पहुंचा पाएंगी।