बाराबंकी। सुपोषित भारत-कुपोषण मुक्त भारत के दृष्टिगत महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से एक से 30 सितंबर तक चौथा राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जाएगा। इस अभियान के तहत सामुदायिक भागीदारी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि हर नागरिक पौष्टिक आहार के महत्व को समझें । तथा इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी लोग जगारूकता की अलख जगाने में अपना सहयोग प्रदान करें।
यह जानकारी देते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रकाश कुमार चौरसिया ने कहा कि राष्ट्रीय पोषण माह के तहत चार सप्ताह की चार अलग-अलग थीम रहेंगी। इसमें आहार में विविधता और पौष्टिकता को बढ़ाने के लिए बाजरा, दालें, बारह मासी और मौसमी स्थानीय सब्जियों, फलों आदि के उपयोग करने के बारे में नागरिकों को जागरूक किया जाएगा। इन गतिविधियों को उत्साहपूर्वक आयोजित करने और राष्ट्रीय पोषण में बड़ी सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ-साथ अन्य विभाग भी सहयोगी रहेंगे।
डीपीओ ने बताया कुपोषण एवं एनीमिया में कमी लाने के उद्देश्य से जिले में 30 सितम्बर तक जन-आंदोलन के रूप में राष्ट्रीय पोषण माह का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान जनसमुदाय में पोषण और स्वच्छता संबंधी जागरूकता और उनमें व्यवहार परिवर्तन के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। डीपीओ ने कहा कि पोषण माह में गंभीर कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उन्हें कुपोषण की श्रेणी से निकालने के लिए भरसक प्रयास किया जायेगा।
इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा गृह भ्रमण कर बच्चों, किशोरियों, धात्री और गर्भवती को कुपोषण से बचाने के लिए पौष्टिक भोजन और पोषण वाटिका को विकसित कर पौधे लगाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करेंगी। इसके साथ ही भोजन में किस तरह से पोषक तत्व का समावेश हो इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगी।
डीपीओ ने बताया कि शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चे के पोषण पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा। इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कुपोषित और अतिकुपोषित श्रेणी के बच्चों को चिन्हित कर सम्बंधित सीएचसी व अन्य सरकारी अस्पतालों में बने पोषण पुनर्वास केंद्र में इलाज के लिए भेजेंगी । उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम कोविड-19 के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए इन गतिविधियों को चलाया जाएगा।