सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा की कॉपियों में नंबर देने में हेराफेरी के मामले में हाईकोर्ट की सख्त रुख के बाद सरकार ने एलान किया है कि परीक्षा में शामिल होने वाले सभी अभ्यर्थियों की कॉपियां फिर से जांची जाएंगी।
इस फैसले से धांधली से चयनित सहायक अध्यापकों की नौकरी पर तलवार लटकेगी, वहीं चयन से वंचित हजारों अभ्यर्थियों को नियुक्ति का मौका मिलेगा। गन्ना विभाग के प्रमुख सचिव संजय आर भूसरेड्डी की अध्यक्षता वाली जांच कमेटी ने सोमवार को सभी कॉपियों की दोबारा जांच का फैसला लिया।
प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 68,500 सहायक अध्यापकों के लिए 27 मई को 107873 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। 13 अगस्त को जारी रिजल्ट में 41,556 अभ्यर्थी चयनित किए गए और रिक्त पदों के सापेक्ष 26,944 पद खाली रह गए थे।
जांच कमेटी के अध्यक्ष संजय आर भूसरेड्डी का कहना है कि ‘दूध का दूध और पानी का पानी करने के लिए सभी कॉपियों की दोबारा जांच कराने का फैसला किया गया है।
हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सहायक शिक्षक भर्तियों की नियुक्तियां अपने निर्णय के अधीन कर दिया है। खंडपीठ ने सोमवार को यह आदेश सोनिका देवी की याचिका पर दिया। सोनिका ने अपनी उत्तर पुस्तिका बदले जाने का अंदेशा जताया था, जो 31 अगस्त को जांच में सही पाया गया।
बचाव में सरकार ने तीन बातें कहीं
1. पुर्नमूल्यांकन का मौखिक आश्वासन
महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने जस्टिस इरशाद अली के समक्ष मौखिक रूप से बताया कि सभी अभ्यर्थियों का पुर्नमूल्यांकन शुरू कर दिया गया है।
2. 12 और उत्तर पुस्तिकाओं में मिली गड़बड़ी
बार-कोड जांच में अब तक 12 उत्तर पुस्तिकाओं में अंकों का हेरफेर सामने आया है। पूरी चयन प्रक्रिया को फिर से जांचा जा रहा है।
3. जांच कमेटी बनाई
सरकार ने कमेटी बनाकर चयन प्रक्रिया से जुडे पूरे मामले की जांच करा रही है। हालांकि मौखिक कथन और जवाबों पर हाईकोर्ट संतुष्ट नहीं दिखी। उसने सरकार को तीन दिन में इस सबंध में हलफनामा दायर करने को कहा है।
अफसरों पर गाज गिरनी तय
हाईकोर्ट में महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने साफ कहा कि इस मामले में जिन अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही सामने आ रही है, उनके खिलाफ सरकार उचित कानूनी कार्रवाई करने जा रही है।