कोलकाता। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से वहां रह रहे भारतीयों को लगातार सरकार वापस ला रही है। ऐसी ही एक महिला है संघमित्रा दफादार। कोलकाता के बेहला की रहने वाली संघमित्रा पेशे से नर्स है और एक काबुलीवाले से शादी कर अफगानिस्तान चली गई थी। अपने दो बच्चों के साथ वह वहां फंसी हुई है। पिछले पांच दिनों से वह लगातार वीडियो जारी कर रही है। एक नया वीडियो उसने जारी किया है जिसमें हाथ जोड़कर विनती करती नजर आ रही है।
वीडियो में संघमित्रा ने कहा है कि उसे कैसे भी अफगानिस्तान से वापस ले जाया जाए नहीं तो उसके साथ क्या होगा, यह खुद भी नहीं जानती। उसने अपने वीडियो में कहा है कि तालिबानी बच्चों तक को नहीं छोड़ रहे हैं। महिलाओं का नर्क से भी बदतर हाल है। उन्होंने भारत सरकार से जल्द वापस ले जाने की गुहार लगाई है।
इसके पहले गत 20 अगस्त को भी उसने वीडियो जारी किया था। उसमें वह बेतहाशा रो रही थी और कह रही थी, “काफी डरी हुई हूं। दो बच्चों को लेकर यहां बिल्कुल अकेली पड़ गई हूं। यहां घर के अंदर बिल्कुल कैदी की तरह हूं। यहां मेरा अपना कोई नहीं है। किससे मदद मांगें ? किससे संपर्क करें, कुछ भी समझ नहीं आ रहा। मैं अपने देश लौटना चाहती हूं। मेरी मदद की जाए।”
नर्स संघमित्रा 2002 में अफगानिस्तान गई थीं। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार संघमित्रा काबुल से 200 किलोमीटर बाहर रहती हैं। वहां से देश लौटने की अर्जी कर वह बार-बार अपने बुजुर्ग माता-पिता को साखेरबाजार स्थित अपने घर पर वीडियो कॉल कर रही हैं।
संघमित्रा के बुजुर्ग माता-पिता के चेहरे पर भी चिंता है। संघमित्रा के पिता ने कहा, “तीन लोग बिल्कुल अकेले हैं। फोन पर बात करते हुए उसने बताया कि वह पूरी तरह से नजरबंद है। तालिबान का कोई भरोसा नहीं है। उनका पिछला रिकॉर्ड बेहद खराब रहा है। मुझे बहुत डर लग रहा है। वे जानवरों की तरह हैं। ”
कुछ दिनों पहले बंगाल की एक महिला को तालिबानी आतंकियों ने अफगानिस्तान में ही बर्बर तरीके से सड़क पर घसीट कर मौत के घाट उतारा था। वह भी काबुल के युवक से शादी करके गई थी।