कच्चे तेल की कीमत में गिरावट जारी, अगस्त में 14 फीसदी से ज्यादा गिरा क्रूड

कच्चे तेल की कीमत में गिरावट जारी, अगस्त में 14 फीसदी से ज्यादा गिरा क्रूड

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की आवक बढ़ने और दुनिया के कई देशों में कोरोना महामारी का संक्रमण एक बार फिर तेज होने की वजह से कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) की कीमत में गिरावट लगातार जारी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले कारोबारी सत्र में ब्रेंट क्रूड 65.18 डॉलर प्रति बैरल की कीमत पर बंद हुआ था। इस तरह कच्चे तेल की कीमत चार महीने के न्यूनतम स्तर पर आ गई है। इसके पहले 22 अप्रैल को ब्रेंट क्रूड 65.07 डॉलर के भाव पर बंद हुआ था। सिर्फ अगस्त के महीने में ही अभी तक अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड की कीमत में 14.61 फीसदी की कमी आ गई है। वहीं पिछले एक सप्ताह के दौरान ब्रेंट क्रूड के दाम 7.66 फीसदी घट गए हैं।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में आई इस कमी का असर भारत में भी दिखा है। भारत में बुधवार से लेकर शुक्रवार तक लगातार तीन दिन डीजल की कीमत में अलग अलग राज्यों की वैट की दर के हिसाब से प्रति लीटर 19 से 21 पैसे की कटौती की गई। इसकी वजह से राजधानी दिल्ली में डीजल की कीमत 89.87 रुपये प्रति लीटर से घटकर 89.27 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में आई कमी का फायदा अभी तक देश में पेट्रोल का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं को नहीं मिल सका है। कच्चे तेल के भाव में आई कमी की वजह से आज भी भारत में लोगों को कम से कम डीजल की कीमत में कमी आने का इंतजार था, लेकिन आज सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में कोई बदलाव नहीं किया।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस महीने लगातार कच्चे तेल की कीमत में नरमी का रुख बना हुआ है। इसकी वजह से पिछले कारोबारी सत्र में ब्रेंट क्रूड 1.37 डॉलर प्रति बैरल घटकर 65.18 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। इसी तरह अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड (डब्ल्यूटीआई क्रूड) भी 1.27 डॉलर की कमजोरी के साथ 62.32 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया है। अगस्त के महीने में कच्चे तेल की कीमत में लगातार तेज गिरावट आई है। जुलाई के महीने में ब्रेंट क्रूड अंतरराष्ट्रीय बाजार में 76.33 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर बंद हुआ था। इस तरह पिछले कारोबारी सत्र तक ब्रेंट क्रूड की कीमत 14.61 फीसदी की नरमी के साथ 11.15 डॉलर प्रति बैरल घटकर 65.18 डॉलर के स्तर पर पहुंच चुकी है।

अगर सिर्फ एक कारोबारी सप्ताह में कच्चे तेल की कीमत में आई कमी की बात करें, तो शुक्रवार को खत्म हुए कारोबारी सप्ताह के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड की कीमत में 5.41 डॉलर प्रति बैरल की कमी आ चुकी है। पिछले कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन 13 अगस्त को ब्रेंट क्रूड 70.59 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर अंतरराष्ट्रीय बाजार में बंद हुआ था। इस तरह इस कारोबारी सप्ताह के दौरान ब्रेंट क्रूड अभी तक 7.66 फीसदी सस्ता हो चुका है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार से आई ये खबर भारत के लिए इसलिए भी उत्साहजनक है, क्योंकि भारत को पेट्रोल और डीजल की अपनी 80 फीसदी से अधिक जरूरत की पूर्ति के लिए आयातित कच्चे तेल का ही सहारा लेना पड़ता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत बढ़ने का सीधा असर घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर पड़ता है।

जानकारों के मुताबिक तेल निर्यातक देशों (ओपेक) और उसके सहयोगी देशों (ओपेक प्लस) की बैठक में बनी सहमति के मुताबिक अगस्त के महीन में कच्चे तेल के उत्पादन में बढ़ोतरी की शुरुआत हो गई है। इस वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की उपलब्धता जुलाई के महीने की तुलना में ज्यादा हो गई है। दूसरी ओर चीन समेत दुनिया के कई देशों में कोरोना महामारी के डेल्टा वैरिएंट के संक्रमण की वजह से कच्चे तेल की मांग भी घटी है। इसका सीधा असर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में आई कमी के रूप में पड़ा है।

कच्चे तेल के उत्पादन में हुई बढ़ोतरी और वैश्विक हालात को देखते हुए कमोडिटी मार्केट में आने वाले दिनों में कच्चे तेल की कीमत में और भी कमी आने का अनुमान लगाया जा रहा है। माना जा रहा है कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में कमी का ये सिलसिला जारी रहा तो आने वाले दिनों में डीजल के साथ ही पेट्रोल की कीमत में भी कमी की जा सकती है।

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