बाराबंकी । आंगनबाड़ी केंद्रों पर आयोजित किए गए वजन सप्ताह के दौरान 249325 बच्चों का वजन लिया गया, जिनमें 197583 बच्चे मानक के अनुरूप स्वस्थ पाए गए। वहीं, उम्र के अनुसार वजन के मानक के अंतर्गत 36856 बच्चे कुपोषित और 8894 अति कुपोषित मिले। लंबाई के अनुसार वजन के लिए निर्धारित मानक के तहत 1159 गंभीर अति कुपोषित (सैम) तथा 4833 मध्यम अतिकुपोषित (मैम) बच्चे चिह्नित किए गए।
जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रकाश कुमार चौरसिया ने बताया कि जनपद में वजन सप्ताह के अंतर्गत कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर लिया गया है। गंभीर अति कुपोषित बच्चों के उपचार के लिए जिला अस्पताल में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र में बच्चों को भर्ती कराने के लिए उनके अभिभावकों को प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि बच्चे गंभीर अतिकुपोषण की श्रेणी से बाहर निकल सकें तथा उनका बेहतर स्वास्थ्य के साथ शारीरिक और मानसिक विकास संभव हो सकें।
उन्होंने बताया कि कुपोषण एक जन स्वास्थ्य समस्या है और इसके उपचार के लिए स्वास्थ्य एवं पोषण की विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। सैम बच्चों में मृत्यु की सम्भावना सामान्य बच्चों की तुलना में नौ गुना अधिक होती है। सभी सैम व मैम बच्चों को गहन देखभाल की आवश्यकता होती है, जिससे कि वह इससे बाहर निकल सकें। चिकित्सीय जटिलता से ग्रसित गंभीर तीव्र कुपोषित (सैम) बच्चों की देखभाल के लिए जनपद स्तर पर सरकारी अस्पताल में पोषण पुनर्वास केंद्र को संचालित किया जा रहा है। अब दो अक्तूबर के मध्य सैम, मैम व गंभीर अल्पवजन बच्चों के लिए सघन अभियान ‘‘संभव पोषण संवर्धन की ओर एक कदम’’ के रूप में आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।
माह सितम्बर में पोषण माह का आयोजन होगा तथा 20-25 सितम्बर के मध्य वजन सप्ताह का पुन: आयोजन करते हुए किए गए प्रयासों की समीक्षा की जाएगी। संभव अभियान के प्रभावी कियान्वयन के लिए जिले के जन-प्रतिनिधियों एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के नेतृत्व में शुभारंभ कराया जाएगा।
संभव अभियान का मुख्य उद्देश्य-
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया- संभव अभियान का मुख्य उद्देश्य सैम, मैम और गंभीर अल्प वजन वाले बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार लाना है । वजन सप्ताह में चिन्हित किये गये सैम, मैम व गंभीर अल्प वजन बच्चों के लिए सघन सामुदायिक गतिविधियाँ जैसे साप्ताहिक गृह भ्रमण, स्वास्थ्य जाँच, चिकित्सीय उपचार, पोषण पुनर्वास केंद्र/ चिकित्सीय इकाई में संदर्भन आयोजित किया जाएगा।