मुरादाबाद। रूढि़वादी परंपराओं से आगे बढ़कर चार बेटियों ने पिता का अंतिम संस्कार कर बेटों का फर्ज निभाया है। पिता के पार्थिव शरीर को कंधा दिया और रामगंगा विहार स्थित मोक्षधाम पर बड़ी बेटी ने मुखाग्नि दी। नवीन नगर निवासी 62 वर्षीय यशपाल आर्य का गुरुवार तड़के ब्रेन हेमरेज से निधन हो गया था।
बिजली विभाग में अवर अभियंता पद से सेवानिवृत यशपाल के कोई बेटा नहीं था। घर से पिता की शव यात्रा निकली तो चारों बेटियों डॉ.कुसुम आर्य, सुमन आर्य, पूनम आर्य और नीलम आर्य ने सबसे पहले कंधा दिया। मोक्षधाम पर वैदिक मंत्रोचार के बीच अंतिम संस्कार किया। बड़ी बेटी डॉ.कुसुम आर्य बीएचयू में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।
पूनम लखीमपुर खीरी में बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूल में शिक्षक हैं। सुमन एमए बीएड व नीलम एमएससी बीएड हैं। डॉ.कुसुम आर्य ने कहा कि बेटियां किसी भी तरह बेटों से कम नहीं हैं। पिता ने हमें बेटों जैसा प्यार ही नहीं दिया, बल्कि इस काबिल बनाया कि हम आत्मनिर्भर हो सकें। मां मंजू देवी गृहणी हैं। उनका पूरा ख्याल अब बेटियां रखेंगी।