जिन क्षेत्रों में कटान की आशंका हो, वहां कटान अवरोध कार्य तत्परतापूर्वक कराए जाएं : CM

जिन क्षेत्रों में कटान की आशंका हो, वहां कटान अवरोध कार्य तत्परतापूर्वक कराए जाएं : CM

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद गाजीपुर के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके उपरान्त उन्होंने गहमर इण्टर कॉलेज में बाढ़ प्रभावित 186 परिवारों को राहत सामग्री वितरित की तथा प्रभावित लोगों से बाढ़ राहत व बचाव कार्यों की जानकारी प्राप्त की।

मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के साथ एक बैठक में जनपद के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में संचालित राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने  अधिकारियों को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के प्रत्येक गांव का निरीक्षण करने तथा वहां राहत व बचाव कार्य प्रभावी ढंग से जारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ का पानी कम होने पर स्वच्छता व सैनिटाइजेशन के कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री  ने प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता के दौरान कहा कि वर्तमान में प्रदेश के 24 जनपदों के 600 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। राजस्थान, मध्य प्रदेश और हरियाणा से अतिरिक्त जल छोड़ा गया, जिससे यमुना, चम्बल व बेतवा नदी में अधिक जल का स्तर बढ़ गया है। इससे प्रदेश में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके द्वारा प्रभावित जनपदों का सघन निरीक्षण किया गया है। इसके तहत उन्होंने हमीरपुर, जालौन, इटावा, औरैया जनपदों का निरीक्षण किया। तत्पश्चात कल मुख्यमंत्री जी ने जनपद वाराणसी का भ्रमण किया। इस दौरान जनपद चन्दौली, मीरजापुर तथा भदोही के बाढ़ राहत कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जनपद गाजीपुर में गंगा नदी के तटवर्ती इलाकों में 32 राजस्व ग्राम बाढ़ से प्रभावित हैं। इन राजस्व ग्राम की लगभग 1.5 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए युद्ध स्तर पर राहत कार्य चल रहे हैं। प्रभावित गांवों में एस0डी0आर0एफ0, एन0डी0आर0एफ0 एवं पी0ए0सी0 की फ्लड यूनिट को बचाव एवं राहत हेतु लगाने की कार्यवाही की जा चुकी है। जनप्रतिनिधिगण पूरी सक्रियता से बाढ़ प्रभावित परिवारों की मदद कर रहे हैं। जनप्रतिनिधियों के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन द्वारा राहत कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उन्होंने स्वयं बाढ़ पीड़ितों को दी जाने वाली राहत सामग्री का निरीक्षण किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक बाढ़ प्रभावित गांव के लिए एक नोडल अधिकारी की तैनाती की व्यवस्था पहले से की जा चुकी है। जिला प्रशासन को इस व्यवस्था को और पुख्ता करने के निर्देश दिए गये हैं। बाढ़ से प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थित शिविरों में पहुंचाया जा रहा है। बाढ़ पीड़ितों को समय से राहत सामग्री का वितरण कराया जा रहा है। पुलिस विभाग को प्रभावी पेट्रोलिंग जारी रखने के निर्देश दिए गये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ का पानी रात्रि से स्थिर है। वह धीरे-धीरे घट रहा है। इस समय विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है, क्योंकि ऐसी स्थिति में नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में कटान की सम्भावना बढ़ जाती है। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन क्षेत्रों में कटान की आशंका हो, वहां कटान अवरोध कार्य तत्परतापूर्वक कराए जाएं। इसके लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की मेडिकल टीम को प्रत्येक प्रभावित ग्राम तथा शिविरों में तैनात किया गया है। इस समय सांप, बिच्छू के काटने की ज्यादा शिकायतें मिलती हैं। इसलिए एण्टी रैबिज इंजेक्शन के साथ-साथ एण्टी स्नेक वेनम इंजेक्शन की पर्याप्त मात्रा में प्रत्येक स्थान पर उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। इसी प्रकार पशुपालन विभाग द्वारा पशुओं के उपचार व उनके लिए चारे आदि की व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री के भ्रमण के दौरान जनप्रतिनिधिगण सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

जनपद गाजीपुर भ्रमण के अवसर पर मुख्यमंत्री जी को जिलाधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद में कुल 32 ग्राम बाढ़ से प्रभावित हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ से प्रभावित परिवारों में अब तक 1005.87 कुन्तल गेहंू एवं 670.61 कुन्तल चावल वितरित किया गया है। जनपद में राहत कार्य हेतु 282 बाढ़ चौकियों तथा 17 बाढ़ राहत केन्द्रों की स्थापना की गयी है। जनपद में 54 मझोली, 275 बड़ी नावों की व्यवस्था की गयी है। बचाव व राहत कार्य हेतु 48 गोताखोरों की तैनाती की गयी है।

बाढ़ राहत कार्य हेतु एक प्लाटून पी0ए0सी0 (जल पुलिस) रेवतीपुर एवं तहसील सेवराई मंे तैनात की गयी है, जिनके पास 04 स्टीमर युक्त रबर बोट्स हैं। बाढ़ग्रस्त इलाकों में 30 पशु राहत केन्द्र स्थापित किए गये हैं, जिनमंे 180 कुन्तल भूसा वितरित किया गया है। अभी तक 1,040 पशुओं को उपचारित तथा 14,668 पशुओं का टीकाकरण किया गया है। जनपद मे पर्याप्त मात्रा में एण्टी स्नेक वेनम इंजेक्शन उपलब्ध हैं।

इसी प्रकार सभी तहसीलों में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। कण्ट्रोल रूम में 08-08 घण्टे की 03-03 कर्मचारियों की ड्यूटी लगायी गयी है। जनपद की सभी तहसीलों के जिन ग्रामों में बाढ़ की सम्भावना थी, उनमें मुनादी कराकर चेतावनी दी जा रही है एवं लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। सभी बाढ़ प्रभावित ग्रामों में राहत टीम के साथ मेडिकल टीम भी भ्रमण कर लोगों को आवश्यक उपचार उपलब्ध करा रही है। साथ ही, ओ0आर0एस0 एवं क्लोरीन की टैबलेट का भी वितरण किया जा रहा है। प्रत्येक बाढ़ ग्रसित क्षेत्र के चिकित्सालयों पर पर्याप्त मात्रा में औषधियां उपलब्ध हैं। बाढ़ से बचाव हेतु ब्लॉक स्तर पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित किया गया है।

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