- विगत साढ़े चार वर्षों में बेसिक, माध्यमिक, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग में शिक्षकों के 1.5 लाख पद भरे गये
- साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में साढ़े चार लाख युवाओं को विभिन्न राजकीय सेवाओं में नियोजित किया गया
- भर्ती की प्रक्रिया पूरी निष्पक्षता, पारदर्शिता एवं आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए पूर्ण की गई
- राज्य सरकार के पांच वर्ष पूर्ण होने पर 05 लाख नौजवानों को सरकारी सेवाओं में नियुक्ति दी जा चुकी होगी
- वर्ष 2017 में प्रदेश की बेरोजगारी दर 17.6 प्रतिशत थी, वर्ष 2021 में यह घटकर 4.1 प्रतिशत रह गयी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने सरकारी सेवाओं में भर्ती की निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया लागू की है। वर्ष 2017 में सत्ता में आने के बाद राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में भर्ती की बाधाओं को समाप्त कर भर्ती प्रक्रिया प्रारम्भ करायी। प्रदेश सरकार के अब तक के लगभग साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में साढ़े चार लाख युवाओं को विभिन्न राजकीय सेवाओं में नियोजित किया गया है। राज्य सरकार के पांच वर्ष पूर्ण होने पर 05 लाख नौजवानों को सरकारी सेवाओं में नियुक्ति दी जा चुकी होगी। इससे कई गुना अधिक नौजवानों को निजी क्षेत्र में नौकरी एवं रोजगार उपलब्ध करा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में राजकीय माध्यमिक विद्यालयांे के 2,846 नवचयनित प्रवक्ताओं एवं सहायक अध्यापकों के ऑनलाइन पदस्थापन/नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम का बटन दबाकर शुभारम्भ करने के उपरान्त अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा 11 नवचयनित प्रवक्ताओं एवं सहायक अध्यापकों को पदस्थापन/नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। नवचयनित प्रवक्ताआंे एवं सहायक अध्यापकों का चयन उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने विगत साढ़े चार वर्षों में विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में शिक्षकों की रिक्तियों को तेजी से भरने का कार्य किया। इस दौरान बेसिक, माध्यमिक, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग में शिक्षकों के 1.5 लाख पद भरे गये हैं। भर्ती की प्रक्रिया पूरी निष्पक्षता, पारदर्शिता एवं आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए पूर्ण की गयी। आज राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के लिए चयनित 2,846 प्रवक्ताओं और सहायक अध्यापकों का पदस्थापन मेरिट के आधार पर ऑनलाइन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने नयी शिक्षा नीति-2020 लागू करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह नीति शिक्षा जगत में आमूलचूल परिवर्तन, शिक्षण संस्थानों को सुयोग्य नागरिक देने वाले महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में स्थापित करने तथा शिक्षा को पुस्तकीय ज्ञान के साथ-साथ नवाचार, नये शोध एवं नये अनुसंधान का माध्यम बनाने के लिए लागू की गयी है। नयी शिक्षा नीति-2020 में प्रत्येक विद्यार्थी को अनेक विकल्प उपलब्ध होंगे। नयी शिक्षा नीति को क्रियान्वित करने के लिए तैयारी वर्तमान समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में कानून-व्यवस्था की बेहतर स्थिति से राज्य के सम्बन्ध में देश और दुनिया की धारणाओं में सकारात्मक बदलाव हुआ है। आज प्रत्येक व्यक्ति मानता है कि प्रदेश सुरक्षित है। इससे यहां निवेश का अनुकूल वातावरण बना है। राज्य सरकार ने प्रदेश को निवेश का सबसे आकर्षक गंतव्य बनाने के लिए व्यापक पैमाने पर रिफॉर्म किये। इसके परिणाम सामने आ रहे हैं। ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की रैंकिंग में प्रदेश 14वें स्थान से दूसरे स्थान पर आ गया है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में सही और सकारात्मक दिशा में परिवर्तन हो रहा है। राज्य सरकार के समन्वित प्रयासों से प्रदेश के युवाओं को उनके घर, गांव, जनपद, राज्य में ही रोजगार उपलब्ध हो रहा है। वर्ष 2017 में प्रदेश की बेरोजगारी दर 17.6 प्रतिशत थी, वर्ष 2021 में यह घटकर 4.1 प्रतिशत रह गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आधारभूत सुविधाओं के विकास का कार्य प्रारम्भ किया गया। इसके भी बेहतर परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। राज्य की प्रति व्यक्ति आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था एक नयी ऊँचाई की ओर अग्रसर हुई। वर्ष 2016-17 में देश का सर्वाधिक आबादी वाला राज्य होने के बावजूद प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश में छठें स्थान पर थी। राज्य सरकार के निरन्तर प्रयास से विगत साढ़े चार वर्ष में प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गयी है। राज्य के तेजी से आगे बढ़ने से यहां पर बड़े पैमाने पर निवेश आ रहा है। इसके माध्यम से 1.61 करोड़ नौजवानों को नौकरी एवं रोजगार उपलब्ध कराने में सफलता मिली है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के परम्परागत उद्यम को पुनर्जीवित एवं प्रोत्साहित करने का कार्य किया है। राज्य के अलग-अलग जनपदों में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के क्लस्टर थे, जो रोजगार एवं स्वावलम्बन के महत्वपूर्ण केन्द्र थे। पूर्ववर्ती सरकारों की उपेक्षा से यह केन्द्र नष्टप्राय हो गये थे। वर्तमान राज्य सरकार ने इनकी मैपिंग, मार्केटिंग, नयी तकनीक एवं डिजाइन से जोड़ने का कार्य किया और ‘एक जनपद, एक उत्पाद’की नयी योजना प्रारम्भ की गयी। इस योजना के माध्यम से परम्परागत उद्यम को एक नयी ऊँचाई मिल रही है। आज यह योजना देश की एक लोकप्रिय योजना है। प्रदेश के निर्यात को तेजी से बढ़ाने में भी इस योजना का महत्वपूर्ण योगदान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक का दायित्व अत्यन्त महत्वपूर्ण है। शिक्षक विद्यार्थियों के सामने एक रोल मॉडल बनें। छात्र शिक्षक को जीवन भर याद रखता है। नवचयनित शिक्षक समय से विद्यालय पहुंचें एवं विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास में योगदान करें। उन्होंने नवचयनित अभ्यर्थियों से अपेक्षा की कि वे प्रदेश में एक सकारात्मक वातावरण तथा नौजवानों को सही दिशा में आगे ले जाने में अपना योगदान करें। उन्होंने कहा कि सुयोग्य शिक्षक का निरन्तर विद्यार्थी बने रहना आवश्यक है, निरन्तर जिज्ञासा बेहतर शिक्षक बनाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, रोजगार आदि क्षेत्रों में अन्य जनपदों से पीछे रह गये प्रदेश के 08 जनपदों सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, चन्दौली, सोनभद्र, चित्रकूट व फतेहपुर को आकांक्षात्मक जनपद के रूप में चिन्हित किया गया है। इन जनपदों में नियुक्त होने वाले शिक्षकों को अतिरिक्त परिश्रम की आवश्यकता है। शिक्षकों द्वारा बच्चों की शिक्षा के साथ ही उनके पोषण एवं स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। शिक्षक का शासन की योजनाओं से परिचित होना भी आवश्यक है, जिससे वह इन योजनाओं से विद्यार्थियों को परिचित कराने के साथ ही आवश्यकतानुसार उन्हें लाभान्वित भी करा सकें।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में व्यापक सुधार हुआ है। देश के अन्य राज्यों के लिए प्रदेश मॉडल राज्य के रूप में उभरा है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश नई शिक्षा नीति-2020 को लागू करने वाला पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशन में राज्य में नकलविहीन पद्धति परीक्षा लागू की गयी। राज्य में पहली बार एन0सी0ई0आर0टी0 के पैटर्न पर पाठ्यक्रम लागू किया गया। 12 दिनों में हाईस्कूल तथा 16 दिनों में इण्टरमीडिएट की परीक्षा सम्पन्न कराकर शीघ्र ही परिणाम भी घोषित किये गये। मार्कशीट, सर्टिफिकेट को ऑनलाइन प्राप्त करने की व्यवस्था बनायी गयी। अंक तालिकाओं पर कोडिंग की व्यवस्था लागू की गयी। आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर शिक्षकों का पदस्थापन/नियुक्ति की जा रही है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सतीश चन्द्र द्विवेदी ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कार्यकाल स्वर्ण युग के रूप में जाना जाएगा। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश का तेजी से सामाजिक, आर्थिक विकास हो रहा है। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किये गये हैं। प्रदेश के युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री को विकास पुरुष के साथ ही रोजगार पुरुष के रूप में भी जाना जाएगा।
कार्यक्रम को अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा श्रीमती आराधना शुक्ला ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम के अन्त में माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री श्रीमती गुलाब देवी ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, माध्यमिक शिक्षा निदेशक श्री विनय कुमार पाण्डेय सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं नवचयनित अभ्यर्थी उपस्थित थे।