बाराबंकी । उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा सीएम बाल सेवा योजना की शुरुआत की गई। इस योजना में कोरोना महामारी में अपने माता-पिता को खोने वाले निराश्रित-लावारिस बच्चों की सरकार मदद करेगी। यह योजना निराश्रित हुए बच्चों के पालन-पोषण, उनकी शिक्षा और सुरक्षित भविष्य के लिए तैयार की गई है। बाराबंकी जिले में भी इस योजना के लिए 64 अनाथ बच्चों को आर्थिक सहायता और प्रमाण पत्र जिलाधिकारी डा आदर्श सिंह द्वारा दे दिये गए है।
जिला अधिकारी डा आदर्श सिंह ने बताया कि जनपद में कोरोना काल में अनाथ हुए कुल 64 बच्चे अभी तक चिह्नित हुए हैं। इनमें उन बच्चों को 4000 रुपये प्रति माह प्रति बच्चे के लिहाज से तीन माह जुलाई, अगस्त और सितंबर का पैसा उनके संरक्षकों के खाते में भेजा जा चुका है। उन्होंने बताया जन्म से 18 साल तक के बच्चे, जिनके माता या पिता या दोनों ही कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर चल बसे, उन्हें सीएम बाल सेवा योजना के तहत 4 हजार रुपये महीने की आर्थिक मदद मिलेगी। इसके अलावा, 11 से 18 साल तक के बच्चों को अटल आवासीय और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में फ्री एजुकेशन दिए जाने की भी योजना बनाई गई है। वहीं कोरोना में अनाथ हुईं बच्चियों की शादी की उम्र आने पर इस योजना के तहत 1 लाख 1 हजार रुपये की आर्थिक मदद सरकार देगी। इसके अलावा क्लास-9 या उससे ऊपर के 18 साल तक के बच्चों को टैबलेट या लैपटॉप भी आवंटित किए जाएंगे।
इस योजना में कोरोना से अनाथ हुए बच्चे शामिल हैं। कोरोना से जिले में भी काफी लोगों को जान गंवानी पड़ी है। इनमें कई ऐसे बच्चे हैं, जिनके माता-पिता दोनों या यदि एक ही है, तो परिवार का पालन करने वाला चला गया है। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना कोरोना में ऐसे ही अनाथ हुए बच्चों के लिए है। योजना में 18 वर्ष तक बच्चों के पालन-पोषण व पढ़ाई तक की व्यवस्था है। योजना में शामिल होने के लिए परिवार की अधिकतम आयु तीन लाख वार्षिक होनी चाहिए। योजना में प्रति बच्चा प्रति माह चार हजार मिलेगा। 11 वर्ष से 18 वर्ष तक के बच्चों की 12वीं तक की शिक्षा फ्री होगी। शादी योग्य बालिकाओं को शादी के एक लाख एक हजार दिए जाएंगे।