लखनऊ। नियोजित प्रयासों और जनसहभागिता से प्रदेश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। यह अत्यंत सुखद है कि विगत तीन दिनों में एक भी संक्रमित की मृत्यु नहीं हुई। हर दिन ढाई लाख से तीन लाख टेस्ट हो रहें हैं, जबकि पॉजिटिविटी दर 0.01 फीसदी तक आ गई है और रिकवरी दर 98.6 फीसदी है। आज जनपद अलीगढ़, अमरोहा, बदायूं, एटा, फर्रुखाबाद, हाथरस, कासगंज, कौशाम्बी, महोबा, प्रतापगढ़ और श्रावस्ती में कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जनपद आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं। इस स्थिति को और बेहतर करने के लिए ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति के अनुरूप सभी जरूरी प्रबंध किए जाएं।
● कोरोना महामारी के दृष्टिगत प्रदेश की स्थिति हर दिन के साथ बेहतर होती जा रही है। यह अतिरिक्त सतर्कता और सावधानी बरतने का समय है। थोड़ी सी लापरवाही बड़ी समस्या का कारक बन सकती है। विगत दिवस किसी भी जिले में दोहरे अंक में नए केस की पुष्टि नहीं हुई। 58 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया, जबकि मात्र 17 जनपदों में इकाई अंक में मरीज पाए गए। वर्तमान में प्रदेश में एक्टिव कोविड केस की संख्या 646 है। यह स्थिति बताती है कि प्रदेश में हर नए दिन के साथ कोविड महामारी पर नियंत्रण की स्थिति और बेहतर होती जा रही है।
● ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के मंत्र से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। अब तक 06 करोड़ 59 लाख 89 हजार 652 कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है। विगत 24 घंटे में 02 लाख 38 हजार 888 कोविड सैम्पल की जांच की गई और 25 नए मरीजों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 42 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए।प्रदेश में कोरोना की रिकवरी दर 98.6% है। 416 लोग घर पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। अब तक 16 लाख 85 हजार 91 से अधिक प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं।
● ट्रेस, टेस्ट और ट्रीटमेंट के साथ-साथ तेज टीकाकरण की नीति कोविड पर प्रभावी नियंत्रण बनाने में उपयोगी सिद्ध हो रही है। जुलाई माह में प्रदेश में 01 करोड़ 71 लाख 41 हजार लोगों ने टीका कवर प्राप्त किया है। अब तक उत्तर प्रदेश में 04 करोड़ 84 लाख 43 हजार से अधिक कोविड वैक्सीन लगाए जा चुके हैं। 04 करोड़ 06 लाख से अधिक लोगों ने कम से कम कोविड की एक खुराक ले ली है। यह किसी एक राज्य द्वारा किया गया सर्वाधिक वैक्सीनेशन है। कोविड वैक्सीनेशन को और तेज करने की आवश्यकता है, इसके दृष्टिगत भारत सरकार से सतत समन्वय बनाए रखा जाए।
● कोरोना संक्रमण की नियंत्रित स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए सभी शिक्षण संस्थानों में नवीन सत्र प्रारंभ करने की तैयारी की जाए।सभी बोर्डों के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के परिणाम घोषित हो चुके हैं। ऐसे में स्नातक स्तर पर दाखिले की प्रक्रिया 05 अगस्त से प्रारंभ कर दी जानी चाहिए। माध्यमिक शिक्षण संस्थानों में भी जिन विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रोन्नत किया गया है, उनके दाखिले की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाए। इन विद्यार्थियों की कक्षाएं स्वाधीनता दिवस की तिथि से शुरू हों। स्वाधीनता दिवस के दिन “स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव” से जोड़ कर आयोजन हों। 16 अगस्त से आधी क्षमता के साथ पठन-पाठन प्रारम्भ हों। उच्च शिक्षण संस्थानों में पठन-पाठन प्रत्येक दशा में एक सितंबर से प्रारम्भ करने की तैयारी की जाए।
● शिक्षण संस्थानों में अध्ययन/अध्यापन प्रारंभ होने के दृष्टिगत सैनिटाइजर, इंफ्रारेड थरमामीटर, मास्क आदि की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाए। दो गज की दूरी की अनिवार्यता के अनुरूप व्यवस्था की जाए। प्रत्येक संस्थान में कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से अनुपालन हो।
● शिक्षण संस्थानों के प्रारंभ होने के साथ 18 वर्ष से अधिक आयु के विद्यार्थियों के टीकाकरण के विशेष शिविर लगाया जाना उचित होगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस संबंध में पहले से ही सभी जरूरी तैयारी कर ली जाए।
● सभी परिषदीय विद्यालयों में स्वच्छता/सैनीटाइजेशन कराई जाए। शौचालयों की साफ-सफाई हो। कक्षाएं भी स्वच्छ रहें। बेसिक शिक्षा विभाग से समन्वय बनाकर ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज विभाग द्वारा इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही की जाए।
● ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं/सेवाओं की सुगम उपलब्धता सुनिश्चित कराने में “मुख्यमंत्री आरोग्य मेला” ने कम समय में ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कोरोना की वर्तमान स्थिति को देखते हुए स्वाधीनता दिवस के उपरांत साप्ताहिक आरोग्य मेलों को पुनः प्रारंभ करने के संबंध में विचार किया जाए। मेले में स्वास्थ्य संबंधी परीक्षण भी होंगे और गोल्डन कार्ड भी बनाए जाएंगे।
● आयुष्मान योजना से वंचित परिवारों के लिए गोल्डन कार्ड बनाने का विशेष अभियान जारी है। 26 से 31 जुलाई की अल्प अवधि में ही 02 लाख 46 हजार नए लोगों को मुफ्त चिकित्सा की इस योजना से जोड़ा गया है। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को प्रतिबद्धतापूर्वक संचालित किया जाए। इसके अतिरिक्त, ऐसे अन्त्योदय कार्डधारक परिवार, जो प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना अथवा मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में से किसी भी योजना से आच्छादित नहीं हैं, को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में शामिल करने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय से समाज के अंतिम पायदान पर खड़े अन्त्योदय कार्डधारक परिवार को बीमारी की स्थिति में होने वाले खर्च से सुरक्षा मिलेगी। 40 लाख से अधिक अंत्योदय कार्डधारक परिवार इस निर्णय से सीधे लाभान्वित होंगे। सभी पात्र लोगों को योजना का लाभ दिलाया जाए।
● सभी जरूरतमंद मरीजों को एम्बुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित हो। इसमें लापरवाही स्वीकार्य नहीं है। किसी भी दशा में मरीज अथवा उनके परिजन का उत्पीड़न न हो। किसी प्रकार की लापरवाही/नेगलीजेंसी की शिकायत मिली तो कार्रवाई तय है। जिलाधिकारीगण अपने जिलों में एम्बुलेंस संचालन की व्यवस्था पर सतत नजर बनाए रखें।
● प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अंतर्गत 05 अगस्त को प्रदेशवासियों को आदरणीय प्रधानमंत्री जी का सीधा मार्गदर्शन प्राप्त होगा। राशन कार्ड धारकों से प्रधानमंत्री जी संवाद करेंगे। लगभग 80 हजार स्थानों पर कार्यक्रम होना प्रस्तावित है। जनप्रतिनिधियों/बोर्ड/निगमों के पदाधिकारियों की उपस्थिति भी रहे, इस संबंध में सभी से संवाद बना लिया जाए। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के लिए सेक्टर प्रणाली के आधार पर सभी जरूरी प्रबंध किए जाएं। अधिकाधिक टेलीविजन सेट/वीडियो वॉल लगवाएं जाएं, ताकि अधिकाधिक लोग लाभान्वित हो सकें।