उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के मंदिर में श्रावण मास के दूसरे सोमवार को श्रद्धालुओं की भारी उमड़ रही है। सुबह से ही श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन कर आशीर्वाद ले रहे हैं।
वहीं, श्रावण मास के दूसरे सोमवार को शाम चार बजे भगवान महाकाल की दूसरी सवारी निकलेगी। बाबा महाकाल पालकी में विराजकर प्रजा का हाल जानने निकलेंगे। इस दौरान भगवान दो स्वरूप में श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे। पालकी में चंद्रमौलेश्वर सवार होंगे, जबकि हाथी पर मनमहेश विराजित रहेंगे।
सावन के दूसरे सोमवार को तड़के भगवान महाकाल की भस्म आरती हुई। इसके बाद मंदिर के पुजारियों ने बाबा महाकाल का भांग, चंदन, फल, वस्र आदि से अलौकिक श्रृंगार किया गया। सुबह सैकड़ों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दर्शन किए और सुख-समृद्धि के साथ-साथ कोरोना के खात्मे का आशीर्वाद मांगा। इसके बाद लगातार श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। लगातार हो रही बारिश के बाद भी सुबह 4.00 बजे से श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया था, जो देर रात तक जारी रहेगा।
श्रावण मास में देशभर से हजारों भक्त भगवान महाकाल के दर्शन करने उज्जैन पहुंच रहे हैं। मंदिर प्रशासन भारी भीड़ के मद्देनजर लगातार व्यवस्थाओं में इजाफ कर रहा है। इसे व्यापक रूप दिया गया है। सोमवार को मंदिर के द्वार खुलते ही बाबा का धाम जयकारों से गूंज उठा। शाम को बाबा महाकाल मंदिर प्रांगण से पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे।
दो रूपों में दर्शन देंगे महाकाल
श्रावण मास के दूसरे सोमवार को शाम चार बजे भगवान महाकाल की दूसरी सवारी निकलेगी। शाम 4 बजे राजसी ठाठ बाट के साथ महाकाल का नगर भ्रमण शुरू होगा। अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर तथा मनमहेश रूप में हाथी पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देंगे। निर्धारित मार्ग से होकर सवारी मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेगी। रास्ते में हरसिद्धि मंदिर पर शिव शक्ति का मिलन कराया जाएगा। हालांकि कोरोना संक्रमण के चलते सवारी मार्ग पर भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। सवारी का ऑनलाइन प्रसारण मंदिर के पोर्टल पर, वेब साइट पर, एप पर होगा। इसे विश्व में घरों में बैठकर देखा जा सकता है।
मंदिर के शासकीय पुजारी पं. घनश्याम शर्मा ने बताया कि बाबा महाकाल दूसरी सवारी में प्रजा को चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में दर्शन देंगे। पालकी का पूजन अपराह्न 4 बजे कोटि तीर्थ के समीप सभामण्डप में होगा और बाबा महाकाल के मुघौटे को पालकी में विराजित किया जाएगा। इसके बाद पालकी को मंदिर के मुख्य द्वार पर लाया जाएगा। यहां बाबा महाकाल को सिंघिया रियासत के समय से चली आ रही परंपरान्तर्गत सशस्त्र सलामी दी जाएगी। पश्चात बाबा महाकाल पुलिस बैण्ड की सुमधुर धुन पर प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे।
प्रदेश सरकार ने कोविड प्रोटोकाल 10 अगस्त बढ़ा दिया है। ऐसे में कोविड-19 अनुकूल व्यवहार के चलते सवारी छोटे मार्ग से निकलेगी और सवारी मार्ग पर धारा-144 लागू रहेगी। आम जनता का प्रवेश सवारी मार्ग पर प्रतिबंधित रहेगा। सवारी मार्ग के दोनों ओर क्रास रोड पर बेरीकेड्स लगे रहेंगे। गत सवारी में जिस प्रकार से अव्यवस्था देखने में आई थी। उसे देखते हुए इस बार कलेक्टर आशीष सिंह ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सवारी में केवल अनुमति प्राप्त पास धारक लोगों को ही प्रवेश दिया जाएगा। पण्डे, पुरोहितों की संख्या भी चिह्नित रहेगी।