गुप्तकाशी। विश्व प्रसिद्ध बाबा केदारनाथ धाम से घण्टियां चुराकर बेचने का मामला सामने आया है। आशंका जताई जा रही है, कि इन घंटियों की तस्करी की जा रही थी।
जानकारी के मुताबिक गत रात्रि गौरीकुंड में केदारनाथ से वापसी के दौरान खच्चरों से घंटियों की आवाज सुनाई दी। शक होते ही स्थानीय लोगों ने चौकी इंचार्ज को इस मामले से अवगत कराया। बताया जा रहा है कि यह कांस्य और तांबे से बनी 103 पौराणिक घंटियां हैं। इन्हें गौरीकुंड पुलिस चौकी में जमा किया गया है।
पंच पंडा रुद्रपुर की ओर से सोनप्रयाग चौकी में इस बाबत प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है। पंच पंडा रुद्रपुर के अध्यक्ष पंकज शुक्ला ने बताया कि शनिवार देर शाम को केदारनाथ मंदिर के निकट भैरवनाथ से इन घंटियों को बिना किसी को अवगत कराए शनि महाराज की ओर से कहीं भेजा जा रहा था। इसका पुरोहित समाज ने विरोध किया। शुक्ला के मुताबिक, बाबा शनि के माफी मांगी जाने पर मामले को रफा-दफा किया गया। शुक्ला ने कहा कि जब सरकार की गाइड लाइन के अनुसार केवल मंदिर समिति के कर्मचारी तथा तीर्थ पुरोहित समाज को ही केदारनाथ धाम में जाने की अनुमति है, तो ऐसे में बाबा शनि महाराज कैसे इस धाम में पहुंच गए, यह भी जांच का विषय है।
उन्होंने कहा कि इस तरह तो न जाने कितने वर्षों से बड़ी संख्या में घंटियां केदारनाथ धाम से गायब हुई होंगी ,लेकिन उसके बाद भी प्रशासन ने इस बात का संज्ञान नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि शनि महाराज ने अपनी गलती स्वीकार की है और ऐसा दोबारा न करने का माफी पत्र भी प्रस्तुत किया है। साथ ही शनि महाराज ने अपने खर्चे से उक्त 103 घंटियों को शीघ्र केदारनाथ धाम पहुंचाने का वादा किया है।
दूसरी ओर चौकी इंचार्ज योगेंद्र सिंह ने कहा कि जांच के दौरान ही दोनों पक्षों के बीच सुलह हो गई है, और साधु द्वारा उक्त घंटियों को शीघ्र केदारनाथ धाम पहुंचाया जाएगा । उन्होंने कहा कि शनि महाराज ने तीर्थ पुरोहित समाज और मंदिर समिति को इस बाबत अवगत नहीं कराया था। वही शनि महाराज का कहना है कि वह उक्त घंटियों को त्रिशूल बनवाने के लिए भेज रहे थे।