वह कहती हैं कि जब वह मास्टर्स डिग्री प्राप्त करने के बाद हाई स्कूल में अध्यापिका बनीं तब उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें ऐसे दौर से भी गुजरना पड़ेगा।
वह कहती हैं कि आजीविका के लिए उन्हें तीन नौकरी करनी पड़ती हैं। सुबह 5 बजे से शाम 4 बजे तक वह स्कूल में पढ़ाती हैं। फिर वह एरेना में दूसरी नौकरी करती हैं। इसके अलावा वह अपने पति के साथ हिस्टोरिकल टूल कंपनी भी चलाती हैं।
होप कहती हैं कि उन्हें बच्चों को पढ़ाना बहुत पसंद है। लेकिन जो काम वह करती हैं उसके लिए उन्हें भुगतान नहीं किया जाता है। 16 साल के अनुभव के बावजूद उन्हें इतना संघर्ष करना पड़ रहा है। बता दें केंटुकी में पहले भी कई निजी स्कूल के शिक्षक बजट और फ्रैंकफोर्ट में खर्च की कटौती को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं।