जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक युवक को अगवा कर उसके साथ एक पचास वर्षीय महिला द्वारा जबरन शादी रचाए जाने पर आश्चर्य जताया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने जबलपुर एसपी से जवाब तलब किया है। मामले में आगामी सुनवाई तिथि नौ अगस्त को निश्चित की गई है।
जबलपुर हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला की एकलपीठ के समक्ष शुक्रवार को मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता सूजीपुरा जबलपुर निवासी रिंकेश केसरवानी की ओर से अधिवक्ता आशीष त्रिवेदी, प्रशांत अवस्थी, असीम त्रिवेदी, अपूर्व त्रिवेदी और अरविंद सिंह चौहान ने पक्ष रखा। उन्होंने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता कृषि विभाग में कर्मचारी है। वहां पर आउटसोर्स में काम करने वाली 50 वर्षीय महिला पार्वती अहिरवार उससे एकतरफा प्यार करती थी और उस पर विवाह के लिए दबाव डाल रही थी। पूर्व में महिला ने अपने साथियों से उस पर हमला भी कराया था।
रिंकेश केसरवानी और उसके स्वूजनों को गोहलपुर पुलिस से मिलीभगत कर झूठे मामले में फंसाने का डर दिखाकर महिला विवाह हेतु दबाव डालती रही है। याचिकाकर्ता द्वारा इसकी शिकायत 15 जून को एसपी जबलपुर से भी की गई थी, लेकिन एसपी ने शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया। इसके पश्चात 15 जून को याचिकाकर्ता को गोहलपुर थाने के सामने से उक्त महिला ने अपने साथियों की मदद से चाकू की नोक के बल पर अगवा कर लिया और जबरदस्ती शांतिनगर स्थित अपने बड़े पिता की लड़की के घर बंद करके रखा।
महिला और उसके साथी 16 जून को रिंकेश को चाकू की नोक पर हनुमानताल स्थित एक मंदिर में ले गए जहां पर उसे नशीला पदार्थ खिलाकर नशे की स्थिति में डरा धमका कर महिला के साथ उसका जबरदस्ती विवाह कराया गया। 17 जून को याचिकाकर्ता किसी प्रकार से उक्त महिला के चंगुल से भाग कर अपने घर आया। उसके द्वारा आईजी जबलपुर, एसपी जबलपुर एवं अन्य पुलिस अधिकारियों को इसकी शिकायत की गई तथा थाना गोहलपुर के सीसीटीवी फुटेज की भी मांग की गई। परंतु याचिकाकर्ता की शिकायत के बावजूद पुलिस द्वारा ना तो सीसीटीवी फुटेज प्रदान किए गए ना ही कोई कार्रवाई की गई। जिससे व्यथित होकर उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।