बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी तेलंगाना में आगामी विधानसभा चुनाव अपने बलबूते लड़ेगी. महबूबनगर में एक जनसभा में औपचारिक रूप से पार्टी के अभियान की शुरूआत करते हुए शाह ने कहा कि बीजेपी इस दक्षिणी राज्य में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के साथ समझौता नहीं करेगी.
उन्होंने कहा कि बीजेपी किसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी और आगामी चुनावों में पार्टी के ‘निर्णायक घटक’ के रूप में उभरने की उम्मीद है. शाह ने महबूबनगर के लिए रवाना होने से पहले यहां पत्रकारों से कहा, ‘हम टीआरएस के साथ कोई राजनीतिक समझौता नहीं करने जा रहे है. बीजेपी अपने बलबूते चुनाव लड़ेंगी. हम तुष्टिकरण की राजनीति के खिलाफ भी लड़ेंगे.’
कांग्रेस नेताओं को खरी-खरी
उन्होंने कहा कि पार्टी राज्य की ‘रुकी हुई प्रगति’ के खिलाफ लड़ाई लड़ेगी. राज्य में कांग्रेस और अन्य पार्टियों के प्रस्तावित महागठबंधन पर शाह ने कहा कि तेलुगू लोग यह नहीं भूले है कि कांग्रेस ने अविभाजित आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अंजैया और पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिंह राव जैसे उनके नेताओं के साथ कैसा व्यवहार किया था.
टीआरएस पर निशाना साधते हुए उन्होंने दावा किया कि के चन्द्रशेखर राव के नेतृत्व वाली पार्टी पहले राज्य विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराये जाने के पक्ष में थी लेकिन बाद में उसने अपना रूख बदल लिया. उन्होंने कहा कि वह जानना चाहते है कि मुख्यमंत्री के एक साथ चुनाव कराये जाने की अपनी इच्छा जताने के कुछ दिनों बाद ही राज्य विधानसभा को समय से पहले ही क्यों भंग कर दिया गया.
ओवैसी की शाह को चुनौती
इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बीजेपी चुनिंदा बातों को भूलने से ग्रस्त है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘आप (बीजेपी) हैदराबाद या तेलंगाना में सफल नहीं होंगे. मैं यह कहना चाहूंगा कि यदि आपकी कोई रणनीति है, तो शाह हैदराबाद आए और यहां से संसदीय चुनाव लड़ें.’ ओवैसी ने दावा किया कि बीजेपी हैदराबाद में पांच विधानसभा सीटों के साथ ही सिकंदराबाद लोकसभा सीट बचाने में भी सफल नहीं होगी.