नई दिल्ली।भारत की स्टार टेबल टेनिस खिलाड़ी मानिका बत्रा ओलंपिक से बाहर हो गयी हैं, लेकिन विवाद उनका पीछा नहीं छोड़ रहा है।
ओलंपिक में पोलकानोव के खिलाफ मुकाबले में मनिका बत्रा को कोच की कमी साफ खलती दिखी। मनिका को निजी कोच सन्मय परांजपे को उनके मुकाबले के दौरान स्टेडियम में जाने की अनुमति नहीं मिली थी। जिसके विरोध में उन्होने राष्ट्रीय कोच सौम्यदीप रॉय की सेवाएं लेने से मना कर दिया था। लेकिन मिक्सड डबल्स के राउंड 16 के मुकाबले में सौम्यदीप रॉय कोच कार्नर में दिखे थे।
मनिका पहली भारतीय महिला बनी थी जो टेबल टेनिस के तीसरे दौर में पहुँची थी। लेकिन वहां उन्हे आस्ट्रिया की सोफिया पोलकानोवा के हाथों 8-11,2-11,5-11,7-11 से हार झेलनी पड़ी थी। उन्हे विरोधी खिलाड़ी ने 4-0 से हराया था। जिससे वो ओलंपिक से बाहर हो गई।
कोच विवाद में टेबल टेनिस फेडरेशन आफ इंडिया ने कहा है कि वो उनके ऊपर कार्यवाही करेगा, जिस पर अब मनिका बत्रा ने अपनी चुप्पी तोड़ी है।
मनिका ने कहा, “अगर कोच होता तो अच्छा रहता। भारत की ओर से सिर्फ सुतीर्था (भारत की ही दूसरी टेबल टेनिस खिलाड़ी) के पास उनका अपना कोच था। वो चीज बहुत काम आती है कि मैच में आप जा रहे हो और पीछे कोई सलाह दे रहा है। ठीक है, मैं मानसिक रूप से मजबूत हूं और मैंने अपना बेस्ट दिया।”
26 साल की मनिका ने आगे कहा, “सच कहूं तो कोई भी खिलाड़ी इतनी जल्दी संतुष्ट नहीं होता है। इसलिए मैं आज के अपने प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं हूं। मुझसे जो गलतियां हुई हैं, उसे मैंने लिख लिया है। जाते ही मैं इन खामियों को सुधारने का प्रयास करूंगी। पेरिस ओलंपिक में भी अब कम समय बचा है। इस साल विश्व चैम्पियनशिप और अगले साल कॉमनवेल्थ गेम्स है। ट्रेनिंग में जितना हो सकेगा वो करती रहूंगी। मैं अब इस टूर्नामेंट के बारे में नहीं सोच रही हूं। माइंड में रहेगा, लेकिन कोशिश रहेगी कि इस पर ध्यान न देते हुए ट्रेनिंग करूं।”
मनिका अपने निजी कोच सन्मय परांजपे को टोक्यो ले गई थीं, लेकिन उन्हें केवल उनके साथ प्रशिक्षण की अनुमति दी गई थी।