जोशीमठ। एनटीपीसी द्वारा निर्माणाधीन 520 मेगावाट जल विद्युत परियोजना की टनल के पोर्टल (सुरंग का मुंह) के ठीक ऊपर से एक मजबूत चट्टान दरकने के कारण पूरा पहाड़ टनल पोर्टल के ऊपर आ गिरा, जिसके कारण टनल के मुंह का हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। गनीमत रही कि मजदूरों की हड़ताल के कारण टनल के अन्दर कोई कार्मिक नहीं था, अन्यथा कोई बड़ा हादसा हो सकता था।
दरसअल एनटीपीसी की परियोजना निर्माण के लिए टीबीएम-टनल बोरिंग मशीन का प्रयोग किया गया और सेलंग गाॅंव के ठीक नीचे से टीबीएम ने टनल कटिंग का कार्य शुरू किया था। हाॅंलाकि टीबीएम दुर्घटनास्थल से करीब 5 से 6 किमी की दूरी पर है और संभवत टीबीएम को कोई नुकसान नहीं हुआ होगा। लेकिन यदि मजदूरों की हड़ताल नहीं होती तो टनल के अन्दर काम कर रहे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने की चुनौती होती। संयोग से मजदूर हड़ताल पर थे और सुरक्षित रहे। सेलंग में टीबीएम पोर्टल के पास यह घटना रात्रि के करीब ढाई बजे की बताई जा रही है।
इधर, बीती रात्रि को ही बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर हाथी पहाड़ के दरकने के साथ ही बलदौडा के समीप भी भारी चट्टान टूटने से मार्ग अवरुद्ध हो गया था। हाथी पहाड़ दरकने के कारण सड़क को तो कोई क्षति नहीं हुई लेकिन बलदौडा के पास करीब पचास से सत्तर मीटर की चट्टान टूटकर सड़क पर गिरने से मार्ग खोलने में बीआरओ को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
बीआरओ की 21 टास्क फोर्स के कमांडर कर्नल मनीष कपिल के अनुसार बदरीनाथ हाई-वे आवाजाही के लिए करीब ढाई बजे खोल दिया गया था लेकिन हाथी पहाड़ व बलदौडा में रात्रि को एक समय पर चट्टाने दरकने के कारणों की भी जानकारी लिया जाना बेहद आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा दोनों स्थानों पर चट्टान दरकने का समय रात्रि दस बजे ही है।