तोक्यो : शुरूआती मुकाबले में मजबूत नीदरलैंड से हारने के बाद भारतीय महिला हॉकी टीम सोमवार को तोक्यो ओलंपिक के पूल ए के दूसरे मैच में दुनिया की तीसरे नंबर की टीम जर्मनी के खिलाफ वापसी की कोशिश करेगी। दुनिया की नंबर एक टीम नीदरलैंड के खिलाफ भारतीय टीम ने शनिवार को पहले दो क्वार्टर में दमदार खेल दिखाया लेकिन अंत में मैच 1-5 से गंवा बैठी। भारतीय टीम ने बीच बीच में अच्छा खेल दिखाया था लेकिन अब वह उस प्रदर्शन की भरपायी करके जर्मनी के खिलाफ पूरे मैच में निरंतरता हासिल करना चाहेगी। पहले दो क्वार्टर तक यह करीबी मुकाबला रहा जिसमें भारतीय टीम का डिफेंस शानदार रहा जिसमें गोलकीपर सविता पूनिया ने नीदरलैंड के लगातार हमलों से बचाया था। नीदरलैंड ने अंतिम दो क्वार्टर में चार गोलकर आसान जीत हासिल की।
भारतीय टीम अपना लगातार दूसरा ओलंपिक खेल रही है। तीन बार की ओलंपिक चैम्पियन और मौजूदा कांस्य पदक विजेता नीदरलैंड के खिलाफ कम से कम पहले हाफ के इस प्रदर्शन से टीम प्रेरणा ले सकती है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय हॉकी में पूरे 60 मिनट तक लय बरकरार रखना ही मायने रखता है और भारतीय मुख्य कोच सोर्ड मारिन इस बात को बखूबी समझते हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने एक साथ नीदरलैंड के खिलाफ मैच देखा और उन चीजों के बारे में बात की जिसमें हमें सुधार की जरूरत है और हम इस वक्त इसी पर ध्यान लगाये हैं। जर्मनी की टीम भी बहुत मजबूत है।’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम पूरे मैच में निरंतर रहते हैं तो नतीजा बेहतर होगा।’ छह टीमें अपने ग्रुप में शीर्ष चार में रहना चाहेंगी ताकि वे प्रत्येक पूल से ‘क्रास-ओवर’ क्वार्टरफाइनल में जगह बना लें इसलिये लीग चरण के प्रत्येक मैच का नतीजा अहमियत रखेगा। पूल ए में नीदरलैंड, मौजूदा ओलंपिक चैम्पियन ब्रिटेन, यूरोपीय रजत पदकधारी जर्मनी, आयरलैंड और दक्षिण अफ्रीका के साथ शामिल रानी रामपाल की टीम के लिये यह मुश्किल काम होगा।