- जेएनयू में वर्तमान उत्तर प्रदेश में महिला सशक्तिकरण का सफर विषय पर हुई संगोष्ठी
- शिक्षाविदों ने कहा योगी सरकार ने चार साल में बदली महिलाओं की तकदीर
लखनऊ। यूपी की महिलाओं को चार सालों में सशक्त होने के साथ स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनी है। 26 मार्च 2017 में प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद महिलाओं से जुड़ी योजनाओं पर सबसे अधिक काम किया गया। स्वयं सहायता समूह से जुड़ कर महिलाएं आत्मनिर्भर हुई तो वहीं बीसी सखी जैसी योजनाओं ने उनको उड़ाने के लिए पंख दिए। यह विचार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली में “आइए चले यूपी की ओर” की दूसरी कड़ी “वर्तमान उत्तर प्रदेश में महिला सशक्तिकरण का सफर” विषय पर आयोजित संगोष्ठी में हिन्दी विभाग की प्रो: पूनम कुमारी ने वयक्त किए।
प्रो पूनम कुमारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के सफर की असली शुरुआत योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद शुरू हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 से ही महिला सशक्तिकरण को अत्यंत गम्भीरता से लेते हुए , बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, उज्ज्वला योजना और स्वच्छता अभियान जैसी तमाम महिला केन्द्रित योजनाएं प्रारम्भ कीं, जिसे यूपी में बहुत ही प्रभावी तरीके से लागू किया गया। इसके यूपी में महिलाओं से जुड़ी कई नई योजनाओं की भी शुरूआत की गई। इसमें I‘सखी योजना’ योजना ने महिलाओं रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए। इस योजना ने 31,938 महिला स्वयंसेवी समूहों और बैंकों के बीच कड़ी का काम किया। इसके अलावा ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ लड़कियों की शिक्षा और सर्वांगीण विकास में सहायक साबित हुई। छह श्रेणियों में बंटी इस योजना में कन्या के जन्म से लेकर बारहवीं कक्षा तक उसे सहायतार्थ सम्मान राशि प्रदान की जाती है। इस योजना से अब तक पांच लाख लड़कियाँ लाभान्वित हो चुकी हैं।
यूपी सरकार के ‘मिशन शक्ति’अभियान के तहत लड़कियों को सशक्त बनाया गया। उन्हें आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी गई। अभियान के तहत बालिकाओं को विभिन्न स्किल्स की ट्रेनिंग दी गई, जिससे वे आत्मनिर्भर बनी। अब तक 80 लाख से ज्यादा ग्रामीण महिलाएं इस अभियान से लाभान्वित हुई हैं। इसके अलावा प्रो पूनम कुमारी ने ‘महिला सम्मान प्रकोष्ठ योजना’,‘एंटी रोमियो स्क्वॉड’ जैसी योजनाओं को स्कूल और कॉलेज जाने वाली लड़कियों के लिए वरदान बताया। प्रो पूनम नेIभ्रूण हत्या के विरुद्ध चलाए जा रही‘मुखबिर योजना’, पिंक बस सर्विस,विधवा पेंशन योजना की भी सराहाना की।
कार्यक्रम की दूसरी वक्ता प्रोफेसर मीनू कश्यप ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि पहले यूपी में महिलाओं के लिए कैसा भय और आतंक का माहौल हुआ करता था। वर्तमान सरकार ने पूरे स्वरूप को बदल दिया है। उन्होंने बताया कि पश्चिमी यूपी जो महिलाओं के लिएि कभी अपराधिक क्षेत्र कहलाता था। सरकार की सख्ती के चलते वहां से गुंडे पलायन कर चुके हैं। I प्रोफेसर मीनू ने बताया कि प्रदेश सरकार की तमाम योजनाएं जैसे रानी लक्ष्मीबाई योजना, पिंक बूथ महिला हेल्पडेस्क आज महिलाओं के सशक्तिकरण का एक जरिया बन चुकी हैं। कार्यक्रम का संचालन, शोधार्थी प्रतीक्षा श्रीवास्तव ने किया। तकनीकी सहयोग डॉ.शिवानी सक्सेना और कुलदीप उपाध्याय का रहा।