लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि मेडिकल कॉलेज बेहतरीन एवं विशिष्ट स्वास्थ्य सुविधाओं की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण संस्थान होता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में आजादी के 70 वर्षों के बाद तक कुल 12 राजकीय मेडिकल कॉलेज बने थे। वर्तमान प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार के सहयोग और अपने संसाधनों से वर्ष 2020-21 तक लगभग 32 मेडिकल कॉलेजों को बनाया है या उन्हें स्वीकृति प्रदान की है।
मुख्यमंत्री जी ने यह विचार आज जनपद देवरिया में नवनिर्मित महर्षि देवरहा बाबा स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय कैम्पस में प्रेसवार्ता के दौरान व्यक्त किए। इसके पूर्व, उन्होंने मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि यह मेडिकल कॉलेज प्रवेश के लिए पूरी तरह तैयार है। पहले सत्र की पढ़ाई के लिए सभी तैयारियां पूर्ण हैं। नेशनल मेडिकल काउन्सिल की संस्तुति प्राप्त हो जाने के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कर-कमलों से इस मेडिकल कॉलेज सहित प्रदेश के 09 नये मेडिकल कॉलेज का एक साथ शुभारम्भ कराया जाएगा। प्रधानमंत्री जी द्वारा देश में बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाओं को विकसित किया जा रहा है। यह सभी मेडिकल कॉलेज प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना एवं राज्य सरकार के संसाधनों का उपयोग करते हुए स्थापित हो रहे हैं।
विगत वर्ष प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत 08 नये मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश प्रारम्भ किया गया। प्रदेश में वर्ष 2021-22 में 14 नये मेडिकल कॉलेजों के निर्माण का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि 16 जनपदों में जहां कोई मेडिकल कॉलेज नहीं है, वहां राज्य सरकार द्वारा पी0पी0पी0 मॉडल से अगले 06 माह में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की कार्य योजना बनायी जा रही है। आने वाले समय में प्रदेश के सभी 75 जनपद मेडिकल कॉलेज से आच्छादित होंगे।
विगत वर्षों में जनपद गोरखपुर व रायबरेली में एम्स की शुरुआत की गई है। गोरखपुर एम्स का शुभारम्भ अक्टूबर माह में प्रधानमंत्री जी द्वारा किया जाना प्रस्तावित है। एम्स की स्थापना के बाद प्रदेशवासियों को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त होंगी। इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। देवरिया एवं सिद्धार्थनगर में शीघ्र ही मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई शुरू होगी। बस्ती में गत सत्र से पढ़ाई प्रारम्भ है। कुशीनगर में वर्ष 2021-22 में मेडिकल कॉलेज स्वीकृत व इसके लिए धन आवंटन किया गया है। बलरामपुर, गोण्डा, बहराइच, जौनपुर, गाजीपुर, चन्दौली आदि जनपदों में नये मेडिकल कॉलेज की श्रृंखला खड़ी की गई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना कालखण्ड में इन नये मेडिकल कॉलेजों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। आज यह मेडिकल कॉलेज सफलतापूर्वक लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं एवं सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश ने प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य क्षेत्र की आधारभूत संरचना एवं सुविधाओं की बढ़ोत्तरी में विशेष उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि देवरिया मेडिकल कॉलेज की कुल लागत लगभग 208 करोड़ रुपये है, जिसमें से 155 करोड़ रुपये अब तक व्यय हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश ने कोरोना प्रबन्धन एवं नियंत्रण में सफलता पायी है, जबकि दुनिया के विकसित देश कोविड से त्रस्त रहे। स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर की कोविड को नियंत्रित करने में बड़ी भूमिका रही है। इस कार्य में जनप्रतिनिधियों की सक्रियता, कोरोना वॉरियर्स के सेवा भाव, शासन-प्रशासन की तत्परता का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
विशेषतः पूर्वी उत्तर प्रदेश में विगत 04 वर्षों के दौरान मस्तिष्क ज्वर के नियंत्रण में सफलता मिली है। आज मस्तिष्क ज्वर के मौत के आंकड़ों में 95 प्रतिशत की कमी आयी है। आने वाले समय में किसी भी महामारी को रोकने में महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज एक बड़ी भूमिका का निर्वहन करेगा। उन्होंने मेडिकल कॉलेज में लैब, लैबोरेटरी, क्लास रूम, आवासीय सुविधा की बेहतर व्यवस्था के साथ ही पर्याप्त मात्रा में मेडिकल कार्मिकों की नियुक्ति की गयी है। यह मेडिकल कॉलेज जनपद देवरिया की जनता के लिए समर्पित है। मुख्यमंत्री जी ने नवनिर्मित महर्षि देवरहा बाबा स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के परिसर में वृक्षारोपण भी किया।
उन्होंने ए0एन0टी0ई0 रुम, हिस्टोलॉजी लैब, ट्यूटर कक्ष, बायोकेमिस्ट्री लैब, लेक्चर रुम आदि का निरीक्षण किया। उन्होंने कार्यों पर सन्तोष जताते हुए संबंधित अधिकारियों को इन्फ्रास्ट्रक्चर, फर्नीचर सहित अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति शीघ्रता से सुनिश्चित करने को कहा। इसके उपरान्त उन्होंने अधिकारियों के साथ निर्माण कार्यांे, संसाधनों एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर इत्यादि की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही, उद्यान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीराम चौहान, पशुधन राज्य मंत्री श्री जय प्रताप निषाद सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।