- केजीएमयू माइक्रोबायोलॉजी में नमूनों की क्रॉस जांच में हुआ खुलासा
- गलत रिपोर्ट थमाने से सेहतमंद होने के बावजूद लोगों ने झेला संक्रमण का तनाव
- 14 दिनों तक होम आइसोलेशन में रहे, बेवजह दवाओं का सेवन किया
- बड़ी संख्या में लोगों को प्राइवेट पैथोलॉजी की जांच रिपोर्ट पर शक हुआ
- केजीएमयू में दोबारा नमूना देकर जांच कराई तो उसमें रिपोर्ट निगेटिव आई
लखनऊ। कोरोना जांच के नाम पर निजी पैथोलॉजी का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। 16 से अधिक लोगों को कोरोना की गलत जांच रिपोर्ट थमाई गई। इसका खुलासा केजीएमयू माइक्रोबायोलॉजी में नमूनों की क्रॉस जांच में हुआ है। लखनऊ में एंटीजन और आरटीपीसीआर की रोजाना 20 हजार से अधिक नमूनों की जांच हो रही है। दूसरी लहर के दौरान निजी पैथोलॉजी में जांच के नाम पर खिलवाड़ हुआ। आरोप है कि निजी पैथोलॉजी ने निगेटिव मरीजों को कोरोना की पॉजिटिव रिपोर्ट थमाई। सेहतमंद होने के बावजूद ये लोग कोरोना संक्रमण का तनाव झेलते रहे। 14 दिनों तक होम आइसोलेशन में थे। बेवजह दवाओं का सेवन किया।
बड़ी संख्या में लोगों को प्राइवेट पैथोलॉजी की जांच रिपोर्ट पर शक हुआ। केजीएमयू में दोबारा नमूना देकर जांच कराई तो उसमें रिपोर्ट निगेटिव आई। मामला केजीएमयू पहुंचा। माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने निजी पैथोलॉजी के नमूनों की क्रॉस जांच कराने का फैसला किया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक प्रत्येक निजी पैथोलॉजी के नमूनों की क्रॉस जांच करवानी अनिवार्य है। कुल 10 फीसदी नमूने केजीएमयू भेजने होते हैं।
माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अधिकारियों के मुताबिक पांच निजी पैथोलॉजी में 16 से अधिक नमूनों की क्रॉस जांच में गड़बड़ी मिली है। मरीजों को दी गई रिपोर्ट व केजीएमयू की रिपोर्ट भिन्न पाई गई है। मसलन मरीजों को दी गई पॉजिटिव की रिपोर्ट निगेटिव निकली। विभाग की तरफ से पूरी रिपोर्ट जल्द ही सीएमओ कार्यालय भेजी जाएगी ताकि लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने वालों पर शिकंजा कसा जा सके।