लखनऊ। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने हरदोई की एक नाबालिग दुराचार पीड़िता को गर्भपात की अनुमति दी है। न्यायालय ने कहा कि अधिकृत अस्पताल में पीड़िता का एक सप्ताह में गर्भपात करा दिया जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने पीड़िता की ओर से उसके पिता द्वारा दाखिल याचिका पर पारित किया। सुनवाई के दौरान पीड़िता व उसके पिता कोर्ट में मौजूद रहे।
पीड़िता की ओर से दलील दी गई थी कि सर्वेश नाम के व्यक्ति ने उसके साथ दुराचार किया था। जिसके बाद पीड़िता को पेट में दर्द उठा व मासिक धर्म रुक गया। उसकी शिकायत पर अभियुक्त के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पीड़िता की ओर से कहा गया कि वह 18 सप्ताह के गर्भ से है व वह दुराचार के कारण उसके गर्भ में आए शिशु को जन्म नहीं देना चाहती है। लिहाजा उसे गर्भपात की अनुमति दी जाए। न्यायालय ने पीड़िता व उसके पिता को कोर्ट में बुलाकर पूछा जिस पर उन्होंने गर्भपात की इच्छा जताई।
उन्होंने कहा कि पीड़िता नाबालिग है व उसकी शादी भी नहीं हुई है। वहीं न्यायालय के पूर्व के आदेश के अनुपालन में केजीएमयू के कुलपति द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड की 15 जुलाई की रिपोर्ट में आया कि पीड़िता को 20 सप्ताह का गर्भ है व मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट के अनुसार उसका गर्भपात कराया जा सकता है।