नई दिल्ली (शाश्वत तिवारी)। खाड़ी देशों में काम करने वाले भारतीय कामगारों के लिए खुशखबरी सामने आई है। वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण कामगारों की न्यूनतम रेफरल मजदूरी में आई कटौती की समस्या को समाप्त कर दिया गया। इस संबंध में भारतीय विदेश मंत्रालय ने राज्य सभा में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में गुरुवार को कहा है कि खाड़ी देशों में जैसे श्रम बाजार स्थिर हुआ, पहले वाली न्यूनतम रेफरल मजदूरी पुनः लागू कर दी गई है।
केरल की लोकतांत्रिक जनता दल के नेता और एलडीएफ से राज्यसभा सांसद एमवी श्रेयम्स कुमार ने अतारांकित प्रश्न में पूछा था कि ”क्या सरकार ने रोजगार के लिए खाड़ी देशों में जाने वाले कामगारों की न्यूनतम रेफरल मजदूरी में कमी की है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? इसके साथ ही उन्होंने एक अन्य प्रश्न में पूछा कि क्या सरकार कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न सामान्य आर्थिक संकट को ध्यान में रखते हुए रोजगार के लिए न्यूनतम रेफरल मजदूरी में की गई इस कटौती को संशोधित करने पर विचार करेगी और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?
इसके जवाब में विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने दोनों प्रश्नों का लिखित जवाब देते हुए कहा कि छह खाड़ी देशों में रोजगार के लिए न्यूनतम रेफरल मजदूरी (एमआरडब्ल्यू) अब भी वही है जो 2019-20 में थी। खाड़ी देशों में हमारे रोजगार को बचाए रखने के लिए 10 महीनों की संक्षिप्त अवधि के लिए एमआरडब्ल्यू को गिरावट के साथ समायोजित किया गया था। जैसे-जैसे श्रम बाजार स्थिर हुआ, पहले वाली न्यूनतम रेफरल मजदूरी पुनः लागू कर दी गई।