नई दिल्ली। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अरुणाचल प्रदेश से सटे रणनीतिक रूप से अहम तिब्बत के सीमावर्ती शहर न्यिंगची का दौरा किया है। शी जिनपिंग चीन के ऐसे पहले राष्ट्रपति हैं जिन्होंने तिब्बत की यात्रा की है। इस दौरान उन्होंने नई और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण रेलवे लाइन का जायजा लिया।
चीन की सरकारी न्यूज एझेंसी शिन्हुआ ने शुक्रवार को बताया कि शी जिनपिंग बुधवार को तिब्बत पहुंचे। वह भारत के अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटे शहर न्यिंगची के हवाई अड्डे पर उतरने के बाद रेलवे लाइन का निरीक्षण किया। शी जिनपिंग ने ब्रह्मपुत्र नदी का निरीक्षण करने के लिए न्यांग नदी पुल का दौरा किया। ब्रह्मपुत्र नदी को तिब्बती भाषा में यारलुंग ज़ांगबो नदी कहा जाता है। न्यांग इसकी दूसरी सबसे बड़ी सहायक नदी है। उन्होंने नवनिर्मित सिचुआन-तिब्बत रेलवे का निरीक्षण करने के लिए न्यिंगची शहर और उसके रेलवे स्टेशन का भी दौरा किया।
सोशल मीडिया पर गुरुवार से वायरल वीडियो से पता चलता है कि शी जिनपिंग ने ल्हासा का भी दौरा किया। शुक्रवार को उनकी यात्रा की आधिकारिक पुष्टि की गई। 2012 में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव के रूप में पदभार संभालने के बाद से शी जिनपिंग का तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) का यह पहला दौरा है। उपराष्ट्रपति के पद पर रहते हुए उन्होंने 2011 में भी तिब्बत का दौरा किया था। तिब्बत की कथित शांतिपूर्ण मुक्ति की 60वीं वर्षगांठ’ के मौके पर शी जिनपिंग की 2011 में ल्हासा की यात्रा उस वर्ष 21 जुलाई को हुई थी। हालांकि, वर्षगांठ के लिए 21 को क्यों चुना गया। यह साफ नहीं हो पाया था। इसे आमतौर पर 23 मई माना जाता है। फिलहाल तिब्बत मामलों के जानकार रॉबी बार्नेट का मानना है कि शी जिनपिंग ने तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति की 70वीं वर्षगांठ पर यह दौरा किया है।