सुपर स्पेशियलिटी हाॅस्पिटल के निर्माण कार्यों की पुनरीक्षित प्रायोजना हेतु 48988.61 लाख रु0 के व्यय सहित सम्पूर्ण प्रायोजना को स्वीकृति
लखनऊ । मंत्रिपरिषद ने उ0प्र0 आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई, इटावा के अन्तर्गत 500 बेडेड सुपर स्पेशियलिटी हाॅस्पिटल के निर्माण कार्यों की पुनरीक्षित प्रायोजना हेतु 48988.61 लाख रुपये के व्यय सहित सम्पूर्ण प्रायोजना को स्वीकृति प्रदान कर दी है। साथ ही, पुनरीक्षित प्रायोजना में टेराकोटा क्लेडिंग, वुडेन फ्लोरिंग, ग्रेनाइट, विनायल फ्लोरिंग वाल पैनलिंग, ग्लास पैस फिटिंग, जी0आई0 मेटल सीलिंग, मिनरल फाइबर एकास्टिकल सस्पेन्डेड सीलिंग, 12 एम0एम0 थिक टफेण्ड ग्लास, नान माड्यूल फ्लाईएश लाइम ब्रिक्स, बेड हेड पैनल, एल0ई0डी0 सर्कुलर सिलिड्रिकल सरफेस माउण्टेड डाउन लाइट-1000 एल0एम0, 1800 एल0एम0, 54 वाट टू टी-5 फ्लोरसेन्ट लैम्प, 15.5 वाट एल0ई0डी0 बोलार्ड, एल0ई0डी0 ल्यूमनियर, फ्लैन्ज माउण्टेड 06 मी0 एवं 08 मी0 ऊँचा हाटडिब्ड ग्लैवनाज्ड पी0यू0 कोटेड, एल0ई0डी0 लाइट उच्च विशिष्टियों के प्रयोग के प्रस्ताव को भी अनुमोदित कर दिया है।
जनता को उच्च कोटि की विशिष्ट चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उ0प्र0 आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई, इटावा में वर्ष 2014 में 500 बेडेड सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल की स्थापना का निर्णय लिया गया। इस प्रायोजना की मूल लागत 33356.43 लाख रुपये थी। इस परियोजना का प्रथम पुनरीक्षण वर्ष 2016 में हुआ था, जिसमें इसकी लागत बढ़कर 46328.29 लाख रुपये हो गयी। पुनः वर्ष 2018 में प्रयोजना की लागत 53726.45 लाख रुपये संशोधित की गयी। संशोधित लागत काफी अधिक थी, जिसके कम में प्रायोजना को जनोपयोगी बनाये जाने हेतु दिनांक 25.03.2019 को एक समिति का गठन किया गया।
समिति द्वारा दी गयी संस्तुतियों के आधार पर प्रायोजना का पुनः परीक्षण किया गया, जिसके आधार पर प्रायोजना की लागत 53726.45 लाख रुपये से घटकर 48988.61 लाख रुपये हो गयी है, जिसे मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, प्रयोजना में उच्च विशिष्टियों के प्रयोग पर भी मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है। इस प्रायोजना के पुनरीक्षण के उपरान्त इसे कम धनराशि में जनोपयोगी बनाया जा सकेगा। साथ ही, जनता को उ0प्र0 आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई, इटावा में उच्चस्तरीय/सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा सुविधा प्राप्त हो सकेगी। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय स्तर पर सुपर स्पेशियलिटी के अन्य पाठ्यक्रम प्रारम्भ किए जा सकेंगे।