नयी दिल्ली। संसद के सोमवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र से पहले सरकार ने आज कहा कि वह नियम-प्रक्रिया के दायरे में हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है जबकि विपक्षी दलों ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती महँगाई के साथ कई अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए रणनीति तैयार की है।
संसदीय सौध में ढाई घंटे से अधिक समय तक चली सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आश्वासन दिया कि सरकार सत्र के दौरान सभी मुद्दों पर सार्थक चर्चा के लिए तैयार है। संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने सार्थक और स्वस्थ चर्चा की उम्मीद जताई और कहा कि चर्चा शांतिपूर्ण एवं नियमों के अंतर्गत होनी चाहिए। सदस्य लोकतंत्र की परंपरा को ध्यान में रखते हुए जो मुद्दे उठाना चाहते हैं, सरकार नियम प्रक्रिया से सभी पर चर्चा कराने के लिए तैयार है।
श्री जोशी ने कहा कि 33 दलों के 40 से अधिक नेताओं ने बैठक में हिस्सा लिया तथा विभिन्न विषयों पर चर्चा के सुझाव दिये। प्रधानमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधियों, खासकर विपक्षी सांसदों के सुझाव महत्वपूर्ण हाेते हैं क्योंकि वे ज़मीन से आते हैं। उन्होंने कहा कि इन सुझावों को चर्चा में शामिल करने से बहस समृद्ध होती है।
सर्वदलीय बैठक के समाप्त होने के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में विपक्षी नेताओं ने एक अलग कक्ष में अपनी रणनीति को लेकर बैठक की। सूत्रों के अनुसार किसानों के आंदोलन, महँगाई, बेराेजगारी, पेट्रोल-डीजल के दाम और कोरोना महामारी के संकट को लेकर विपक्ष के तेवर कड़े हैं और शुरुआत में दोनों सदनों में गतिरोध देखा जा सकता है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी विभिन्न पार्टियों के सदन में नेताओं के साथ एक अलग बैठक की। उन्होंने कहा कि वह नियमों के तहत सरकार एवं विपक्षी दलों के बीच सहमति से किसी भी मुद्दे पर चर्चा कराने का पर्याप्त अवसर एवं समय देंगे। यहाँ संसद के पुस्तकालय भवन में हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और विभिन्न दलों के नेता उपस्थित थे।
करीब डेढ़ घंटे तक चली बैठक के बाद श्री बिरला ने संवाददाताओं से कहा कि मानसून सत्र की कार्यवाही कोविड प्रोटोकाेल एवं स्वास्थ्य मानकों के हिसाब से कराई जायेगी। सभी दलों के नेताओं से चर्चा हुई है, विभिन्न मुद्दों को उठाने की माँग की गयी है।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि विपक्ष एवं सरकार के बीच परस्पर सहमति से सार्थक चर्चा हाे। सदस्यों को उसमें भाग लेने का पर्याप्त मौका मिले। इसी तरह से उन्हें विधायी कार्यवाही में पर्याप्त समय एवं अवसर मिले। जिस प्रकार से पिछले सत्र उत्पादकता के मामले में उपयोगी रहे हैं, उसी प्रकार से यह सत्र भी उत्पादक हो तथा सदस्यों को जनहित एवं राष्ट्रहित के मुद्दे उठाने का अधिक से अधिक अवसर मिले।
बैठक में कांग्रेस के नेता अधीररंजन चौधरी, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय, बसपा के ऋतेश पांडेय, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के ई.टी. मोहम्मद बशीर, लोकजनशक्ति पार्टी के पशुपति कुमार पारस, अपना दल की अनुप्रिया पटेल आदि शामिल थे।