- विद्युत उत्पादन में आत्मनिर्भर बना उत्तर प्रदेश
- 13791 सोलर स्ट्रीट लाइटों से रौशन हुर्इं गांवों की गलियां
लखनऊ। योगी सरकार प्रदेश को सोलर एनर्जी का सबसे बड़ा हब बनाने जा रही है। सौर ऊर्जा की क्रांति लाने के लिये सरकार ने जो संकल्प लिया था उसे पूरा करके दिखा दिया है। इसके लिये उसने गांव-गांव में विद्युतिकरण का जाल बिछाया है। नयी सौर ऊर्जा नीति के तहत उसने 1535 मेगावाट के 7500 करोड़ रु. के प्रस्ताव को स्वीकार किया हैं। इसको साल 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य लिया है।
सरकार ने सौर ऊर्जा के उत्पादन की दिशा में भी तेजी से कदम आगे बढ़ाये हैं। प्रदेश में 420 मेगावाट क्षमता की 24 सौर पावर परियोजनाएं शुरु हो चुकी हैं। जिसके बाद सौर ऊर्जा उत्पादन बढ़कर 1140 मेगावाट हो गया है। सरकार के प्रयास से प्रदेश में 225 मेगावाट क्षमता के सोलर रूफटॉप स्थापित हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से अब गांवों में बाजारों और सड़कें सोलर स्ट्रीट लाईटों से जगमगाने लगी हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय सोलर स्ट्रीट लाइट योजना की मदद से 25569 बाजारों में सोलर स्ट्रीट लाइटें लगाई जा चुकी है। इसके अलावा मुख्यमंत्री समग्र ग्राम्य विकास योजना में चयनित राजस्व ग्रामों में 13791 सोलर स्ट्रीट लाइट संयंत्रों को लगाने का काम किया गया है। किसानों को लाभ देने के लिये सिंचाई में उपयोगी 19579 सोलर पम्प लगाए हैं। गांव में घर-घर तक 01 लाख 80 हजार सोलर पावर संयंत्रों की स्थापना ने गांव की तस्वीर बदल दी है।
उत्तर प्रदेश के लोग जहां पिछली सरकारों में 04 घंटे बिजली सप्लाई को तरसते थे वहीं योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद से सौर ऊर्जा की मदद से बिजली संकट से जन-जन को छुटकारा मिल गया है।
सरकार की पहल का असर है कि वाणिज्यिक भवनों में ऊर्जा की बचत के लिये ‘ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता 2018’ लागू हो गई है। सरकार ने जैव ऊर्जा उद्यम प्रोत्साहन नीति के तहत 2492 करोड़ रुपये का निजी निवेश आमन्त्रित किया। इसकी मदद से 720 करोड़ रुपये की लागत की 180 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा उत्पाद इकाइयां स्थापित की गईं। पहली बार प्रदेश में 3400 सोलर आरओ वाटर संयंत्रों की स्थापना प्राथमिक विद्यालयों में करवाई गई जिससे स्कूली बच्चों को शुद्ध पानी विद्यालय में ही उपलब्ध हुआ।
‘लोक कल्याण संकल्प पत्र 2017’ में जनता से वादा
• नयी सौर ऊर्जा नीति के अन्तर्गत 1535 मेगावाट के 7500 करोड़ रु. के प्रस्ताव स्वीकृत 420 मेगावाट क्षमता की 24 सौर।
• सौर ऊर्जा उत्पादन अब बढ़कर 1140 मेगावाट हुआ।
• 225 मेगावाट क्षमता के सोलर रुफटॉप स्थापित।
• पं. दीनदयाल उपाध्याय सोलर स्ट्रीट लाइट योजना में ग्रामीण बाजारों में 25569 सोलर स्ट्रीट लाइट की स्थापना।
• मुख्यमंत्री समग्र ग्राम्य विकास योजना में चयनित राजस्य ग्रामों में 13791 सोलर स्ट्रीट लाइट संयंत्रों की स्थापना
• 19579 सोलर पम्प सिंचाई की स्थापना।
• जब ऊर्जा उद्यम प्रोत्साहन नीति के अन्तर्गत।
• 2492 करोड़ रु का निजी निदेश आमन्त्रित
• 720 करोड़ रु. की लागत की 180 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा उत्पाद इकाइया स्थापित।
• गरीब ग्रामीण परिवारों के घरों में एक लाख 80 हजार सोलर पावर पैक संयंत्र स्थापित।
• प्राथमिक विद्यालयों में अब तक 3400 सोलर आर.ओ. वाटर संयंत्रों की स्थापना।